उत्तराखंड हल्द्वानीHaldwani sanjay pandey plum farming

उत्तराखंड के संजय पांडे का कमाल.. हल्द्वानी में उगा दिया पहाड़ का रसीला पुलम

स्वरोजगार की अनोखी मिसाल पेश करते हल्द्वानी के निवासी संजय पांडे (Haldwani plum farming)। मैदानी क्षेत्र में उगा कर दिखा दिया पहाड़ का रसीला फल पुलम।

Haldwani plum farming: Haldwani sanjay pandey plum farming
Image: Haldwani sanjay pandey plum farming (Source: Social Media)

हल्द्वानी: यह सीजन पहाड़ के रसीले फलों को खाने का सीजन है। इस मौसम ने आड़ू, पुलम और खुमानी की डिमांड उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में खूब है। बता दें कि पहाड़ के रसीले और स्वादिष्ट फलों की बागवानी प्रदेश के ऊंचे और सबसे ठंडे इलाकों में होती है मगर जागरूक युवा इस मिथ को तोड़ते नजर आ रहे हैं। युवाओं के बीच लगातार फलों और सब्जियों की बागवानी का क्रेज बढ़ रहा है और वह अपने ही घरों के बगीचों में यह रसीले फल लगा रहे हैं। अब आप ही बताइए, क्या आपने कभी सोचा था कि पहाड़ी के रसीले फलों की बागवानी कभी मैदानी क्षेत्रों में संभव हो पाएगी? सभी का उत्तर लगभग नहीं में होगा, मगर ऐसा संभव है। हल्द्वानी के निवासी संजय पांडे ने यह कर दिखाया है। उन्होंने पहाड़ के ठंडे इलाकों में उगने वाले पुलम फल की बागवानी अपने घर में तैयार की है। उन्होंने कड़ी मेहनत से अपने ही घर के बगीचे में पुलम उगाया और नतीजा सबको अचंभित करने वाला सामने। उनके घर लगे पेड़ से लगभग 50 किलो से अधिक पुलम के फल तैयार हुए हैं। लोगों का मानना है कि पुलम की बागवानी अक्सर ठंडे इलाकों में की जाती है। हल्द्वानी के निवासी युवा संजय पांडे यह मिथ तोड़ते नजर आ रहे हैं। अब जलवायु परिवर्तन के चलते हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी पुलम और अन्य पहाड़ी फलों की बागवानी की जा सकती है।

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हल्द्वानी निवासी संजय पांडे काफी समय से मैदानी फल अपने घर के बगीचे में लगा रहे हैं। इस बार उन्होंने पहाड़ी फल पुलम का उत्पादन भी किया। वे बताते हैं कि उन्होंने तकरीबन 3 साल पहले चौबटिया से पुलम का पेड़ लाकर हल्द्वानी में लगाया था। उनका भी यह मानना था कि पुलम के पेड़ से फल आने की उन्होंने बिल्कुल उम्मीद नहीं कि। मगर जलवायु परिवर्तन के कारण जो रिजल्ट मिला वो बेहद जबरदस्त है। उन्होंने बताया कि पुलम की बागवानी कर एक पेड़ से तकरीबन 50 किलो से अधिक पुलम का उत्पादन हुआ है। यह उनके लिए भी अचंभित करने वाली बात है मगर उन्होंने एक बड़ा मिथ तोड़ा है और साबित किया है कि पहाड़ी क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों पर भी पहाड़ी फलों का उत्पादन किया जा सकता है। यह हर लिहाज से खुशखबरी है और कई लोगों के लिए स्वरोजगार का जबरदस्त आइडिया भी। संजय पांडे ने कहा कि किसान अगर चाहें तो पहाड़ के कई फलों को हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्र में उत्पादित किया जा सकता है। उन्होंने यह अपील भी की है कि पहाड़ के किसान आगे आएं और पहाड़ी फलों का उत्पादन कर रोजगार का साधन बनाएं। इससे उनको आर्थिक सहायता भी मिलेगी और मुनाफा भी होगा।