उत्तराखंड चमोलीLocal people raise hands against badrinath yatra

उत्तराखंड: 8 जून से बदरीनाथ धाम यात्रा का विरोध, स्थानीय लोगों ने उठाई आवाज

बदरीनाथ धाम के पुरोहितों, व्यापार मंडल और होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने 8 जून से होने वाली बदरीनाथ की यात्रा का विरोध किया है। सबने एक स्वर में इसके खिलाफ आवाज उठाई है।

Badrinath Yatra: Local people raise hands against badrinath yatra
Image: Local people raise hands against badrinath yatra (Source: Social Media)

चमोली: कोरोना धार्मिक स्थलों पर भी अपना असर दिखा रहा है। चार धाम यात्राओं के कपाट खुलने के समय कोरोना का भारी प्रभाव देखने को मिला था। अब चार धाम यात्रा के संचालन के ऊपर भी कई सारे प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं। बता दें सरकार की ओर से जून के पहले हफ्ते से चार धाम यात्रा संचालित करने के पूरे आसार दिख रहे थे। कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता मदन कौशिक ने भी कहा था कि 8 जून से चारधाम यात्रा शुरू करने की तैयारियां जारी हैं। मगर जिस प्रकार के हालत उत्तराखंड में कोरोना के कारण बन रखे हैं उसके बाद चार धाम यात्रा संचालित करने की मंशा पर कई सवाल उठ रहे हैं और विरोध हो रहा है। कोरोना बहुत ही तेजी से उत्तराखंड को अपनी चपेट में ले रहा है। ऐसे में बदरीनाथ की यात्रा शुरू करना भी खतरे से खाली नहीं है। इसलिए हक-हकूकधारी, स्थानीय लोग, होटल असोसिएशन और व्यापार मंडल के लोग सरकार की मंशा के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार के ऊपर भारी प्रेशर बना हुआ है। विरोध के बाद बदरीनाथ यात्रा के ऊपर किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं आ पाया है। यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों ने एसडीएम जोशीमठ के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजकर जून में यात्रा संचालित करने का विरोध किया है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - अब उत्तराखंड के लोगों के लिए देवदूत बने सोनू सूद..एयलिफ्ट कर पहुंचाया देहरादून
होटल असोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता का कहना है कि कोरोना संक्रमण राज्य में बहुत तीव्रता से फैल रहा है। ऐसे में चमोली जिले में भी भय का माहौल बरकरार है। इसलिए वह स्वयं भी होटलों को खोलने की स्थिति में नहीं हैं। इस माह यात्रा करने से चमोली में कोरोना फैलने का खतरा बढ़ने के पूरे चांस हैं। वहीं जोशीमठ के एसडीएम अनिल चन्याल ने चमोली के स्थानीय लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जून माह में यात्रा का संचालन करना खतरे से खाली नहीं है। कोरोना संक्रमण के साथ यात्रा को लेकर भी पूरी व्यवस्था नहीं है। बिजली और पानी के अलावा अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में वक्त लगेगा। इसी के अलावा लोगों का कहना है कि ठंड के कारण यात्रा शुरू करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऊपर से बाहर के राज्यों से यात्रा का हिस्सा बनने आए श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरा है। ऐसे में व्यापार मंडल, होटल असोसिएशन, हकूक धारियों, और आसपास के स्थानीय लोगों ने जून माह में बदरीनाथ यात्रा को स्थगित करने की मांग की है। राज्य सरकार ने इस बारे में अबतक कोई राय नहीं दी है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इसपर क्या फैसला लेती है।