उत्तराखंड चमोलीUttarakhand jawan moving to china border

उत्तराखंड: वाहनों में सवार होकर चीन बॉर्डर की ओर चले जांबाज..छुट्टियां भी कैंसिल

मन में हिम्मत, जोश और भारत के लिए सम्मान लिए उत्तराखंड के जवान 80 वाहनों में बैठ कर चीन-सीमा क्षेत्र के लिए रवाना हुए। यहां तक कि जवानों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं।

Uttarakhand Garhwal Rifle: Uttarakhand jawan moving to china border
Image: Uttarakhand jawan moving to china border (Source: Social Media)

चमोली: हाल ही में 15 जून के बॉर्डर पर चीन के बीच में जो मुठभेड़ हुई उसमें हमने अपने 20 वीर जवानों को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया। इसके बाद से पूरे हिंदुस्तान के आवाम की आंखों में चीन से बदला लेने का आक्रोश साफ-साफ दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड के जवानों ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है। बता दें कि उत्तराखंड के सीमांत जनपद की ओर से भी भारत-चीन सीमा पर सैनिक गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। जवानों की शहादत के बाद से ही राज्य में हलचल मच रखी है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक बीते बुधवार की रात को सेना के करीब 80 वाहनों के अंदर भारतीय सैनिक चमोली से सटे हुए चीन सीमा क्षेत्र के लिए रवाना हुए। सभी के बीच में हमारे जवानों की शहादत को लेकर क्रोध है। सूत्रों के द्वारा पता लगा कि सभी सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है। उत्तराखंड सीमा क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में हथियार और तोप भेजे जा रहे हैं। सतर्कता इतनी बढ़ गई है कि जवानों की छुट्टी तक कैंसल हो गई है। छुट्टी पर गए आईटीबीपी और सेना के जवानों की छुट्टियां भी रद्द करके उनको जल्द से जल्द ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए गए हैं।

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पिथौरागढ़ के धारचूला में भी धारचूला से लेकर व्यास घाटी काला पानी तक नेपाल सीमा में एसएसबी ने सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। पेट्रोलिंग का सिलसिला भी जारी है। इसी के साथ मुंस्यारी मिलम सड़क का निर्माण कार्य भी बहुत ही तेजी से हो रहा है। बड़े-बड़े हेलीकॉप्टरों से सामान को पहुंचाया जा रहा है। बता दें कि मुनस्यारी से 14 किलोमीटर आगे मिलम तक सड़क का निर्माण हो चुका है। गलवां घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई भारी झड़प के बाद ग्रिफ ने भी सड़क का निर्माण कार्य बहुत तेज कर दिया है। यह सड़क ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। बुधवार को मौसम खराब रहा मगर फिर भी सड़क निर्माण कार्य जारी रहा। इसी बीच सेना ने सीमा की सबसे निकटवर्ती चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर एम आई-17 हेलीकॉप्टर और मल्टीपरपज विमान ए एन-32 के साथ अभ्यास किया।आइटीबीपी 12 वीं एवं 35 वीं वाहिनी के हिमवीर भी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इसी के साथ हर्षिल में तैनात 9 बिहार रेजिमेंट के साथ ही गढ़वाल स्काउट, कुमाऊं स्काउट एवं लद्दाख स्काउट के जवान बॉर्डर पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। कुल मिला कर चाइना को सबक सिखाने के लिए उत्तराखंड के जवान हर तरीके से तैयार हैं।