उत्तराखंड अल्मोड़ाAgriculture Department plans for farmers in Almora

अल्मोड़ा में किसानों के लिए कृषि विभाग की शानदार योजनाएं, हर जिले में ऐसा होना चाहिए

लॉकडाउन में कई लोगों का रोजगार छिन गया। ऐसे में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अल्मोड़ा में कृषि विभाग द्वारा कुछ बेहतरीन योजनाएं चलाई गई हैं। 2 मिनट में जान लीजिए

Almora News: Agriculture Department plans for farmers in Almora
Image: Agriculture Department plans for farmers in Almora (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: लॉकडाउन और रोजगार...ये बात सच है कि इस दौरान कई युवाओं का रोजगार छिना है। करें तो क्या करें? ये सवाल हर किसी के जेहन में कौंध रहा है। इस मुश्किल घड़ी में लोगों के सामने रोजगार की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। स्थानीय स्तर पर ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं होने की वजह से कई लोग वापस किसानी कर रहे हैं। अल्मोड़ा में भी ऐसे लोगों की अच्छी खासी तादाद है जो वापस से किसानी कर रहे हैं और कुछ लोग तो पहले ही किसानी कर रहे हैं। दोनों के लिए ये जानना जरूरी है कि उन्हें कृषि विभाग की तरफ से क्या सविधाएं मिल रही हैं, जिनका फायदा वो उठा सकते हैं। हम आपको बताते हैं कि आप कृषि विभाग की किन-किन योजनाओं का फायदा उठा कर खेती को बढ़ा सकते हैं। आगे जानिए उन सभई योजनाओं के बारे में।

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  • नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन (NFSM)

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    इस योजना का फायदा वो किसान उठा सकते हैं जो अमूमन धान, गेहूं, मक्का दलहनी की फसलों की खेती करते हैं। इस तरह की खेती करने वाले कृषि विभाग से सहायता ले सकते हैं। धान और गेहूं के प्रजातियों के बीजों की बुआई के लिए 10 साल से कम वक्त के लिए किसान बीजों पर 50 फीसदी, अधिकतम 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल और 10 से ज्यादा वक्त के लिए प्रजातियों के बीजों की बुआई के लिए प्रजातियों पर अधिकतम 50 फीसदी, एक हजार रुपये प्रति क्विंटल की सहायता ले सकत हैं। वहीं दलहनि की फसलों पर उन्नतशील प्रजातियों के बीजों पर 50 फीसदी, 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल की सहायता ले सकते हैं। इसके साथ ही कृषि विभाग से आप सूक्ष्म तत्वों कृषि रक्षा रसायनों के खरीद पर 50 फीसदी या फिर 500 रुपये प्रति हेक्टेयर, जैविक उर्वरकों पर 50 फीसदी, अधिकतम 300 रुपये प्रति हेक्टेयर और जिप्सम या सल्फर पर 50 फीसदी अधिकतम 750 रुपये की सहायता ले सकते हैं।

  • नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (NMSA)

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    इस योजना के तहत आपको कृषि वानकीय आधारित फार्मिंग सिस्टम के तहत आने वाले क्लस्टरों के प्रदर्शनों के आयोजन पर और कृषकों के पोर्टेबल स्प्रिंकलर सैट, टपक सिंचाई यंत्रों पर मानक के मुताबिक किसानों का अनुदान मिलेगा। इसमें किसानों को अ.मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत हर तीन साल में जोत धारकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को परम्परागत खेती के विकास को बढ़ावा देने के लिए सहायादा दी जाएगी। योजना का क्रियान्वयन चयनित 65 क्लस्टरों में किया जा रहा है। जिसमें जैविक खेती पर कृषक प्रशिक्षण, भ्रमण और वर्मी संरचना निर्माण के साथ ही कृषि यंत्र खरीदने पर अल्मोड़ा कृषि विभाग की तरफ से सहायता दी जाएगी।

  • नेशनल तिलहन और ऑयलपाम मिशन(NMOOP)

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    इस योजना के तहत तिलहन बीजों जैसे सोयाबीन, राई/सरसों, तोरिया पर 50 फीसदी अधिकतम ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल की सहायता कृषि विभाग की तरफ से योजना के तहत किसान ले सकते हैं। साथ ही क्लस्टर प्रदर्शन और यंत्र की खरीद पर भी कृषकों को निर्धारित सीमा के अंतर्गत सहायता दी जाती है। योजना के तहत प्रशिक्षण का भी आयोजन किया जाता है।

  • नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी(NMAET)

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    इस योजना के तहत जिले के किसान कृषि, उद्यान, पशुपालन मत्स्य, रेशम, गन्ना वगैरह रेखीय विभागों लगातार कोशिशों से किसानी के लिए प्रशिक्षण, प्रदर्शन, कृषक भ्रमण, कृषक समूह को सहायता, सर्वश्रेष्ठ कृषक समूह पुरस्कार, किसान पुरस्कार फार्स स्कूल के कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। साथ ही बीज धान योजना के तहत धान फसलों के प्रमाणित और आधारीय बीजों पर मूल्य का 50 फीसदी, दहलनी और तिलहनी पर प्रमाणित और आधारीय बीजों मूल्य का 60 फीसदी तक सहायता दी जाती है।

  • सब मिशन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन(SMAM)

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    इस योजना के तहत खेती के लिए खरीदे जाने वाले यंत्रों पर विभाग की तरफ से सहायता दी जाती है। कस्टम हायरिंग सेंटर में 10 लाख रुपये तक की इकाई के लिए मूल्य का 40 फीसदी या अधिकतम 4 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। साथ ही फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये तक की इकाई के लिए खरीद के लिए लागत का 80 फीसदी या अधिकतम 8 लाख रुपये जो भी कम हो तक की सहायता दी जाती है।