उत्तराखंड उत्तरकाशीSnow Leopard Conservation Center to be built in Uttarakhand

उत्तराखंड में बनेगा देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र, शुरु होने जा रही बड़ी पहल

उत्तरकाशी जिले की भैरों घाटी में देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र बनेगा। हाल ही में सीएम त्रिवेंद्र रावत, वन मंत्री हरक सिंह रावत और मुख्य अधिकारियों की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया

Uttarakhand Snow Leopard: Snow Leopard Conservation Center to be built in Uttarakhand
Image: Snow Leopard Conservation Center to be built in Uttarakhand (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: घोस्ट ऑफ माउंटेन कहे जाने वाले हिम तेंदुओं का संरक्षण वर्तमान में बहुत जरूरी हो रखा है। ऐसे में एक बहुत ही अच्छी खबर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से सामने आ रही है। उत्तरकाशी जिले की भैरों घाटी में देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र बनेगा। बता दें कि उत्तरकाशी जिले की भैरों घाटी में लंका नाम की जगह पर यह संरक्षण केंद्र बनेगा। हाल ही में सीएम त्रिवेंद्र रावत, वन मंत्री हरक सिंह रावत और अधिकारियों की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया जो कि हर दृष्टि से बहुत जरूरी है। शनिवार को वन विभाग ने प्रस्तुतीकरण दिया जिसके मुताबिक हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय के तहत 2017 में ही परियोजना शुरू कर दी गई थी। आवासीय क्षेत्र संरक्षण के तहत ही प्रदेश में हिम तेंदुओं के लिए संरक्षण केंद्र बनाने का यह फैसला लिया गया था।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: IPS अफसर ने अपनी जान को बताया खतरा, प्रशासन से मांगी पुलिस प्रोटेक्शन
वहीं काफी समय पहले ही यह भी तय कर लिया गया था कि यह संरक्षण केंद्र गंगोत्री नेशनल पार्क के मुहाने पर बनाया जाएगा। इस केंद्र को नीदरलैंड की सहायता से बनाया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव वन आनंद, प्रमुख वन संरक्षण जयराज, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, रंजना काला, राजीव भरतरी जेएस सुहाग सहित वन विभाग के तमाम मुख्याधिकारी मौजूद रहे। हिम तेंदुए को घोस्ट ऑफ माउंटेन भी कहा जाता है क्योंकि यह पूरे देश में वर्तमान में तकरीबन केवल 586 ही बचे हुए हैं। यह आंकड़ा भारतीय वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया है। हिमतेंदुओं की संख्या इतनी कम है कि इनका संरक्षण खुद- ब-खुद बहुत जरूरी हो जाता है। कुछ समय पहले वन विभाग को इन तेंदुए की तस्वीर नंदा देवी बायोस्फीयर क्षेत्र में कैमरा ट्रैप के जरिए मिली थी। उत्तराखंड में हिम तेंदुआ 3000 से लेकर 4500 मीटर की ऊंचाई में नंदा देवी जैव विविधता क्षेत्र गंगोत्री नेशनल पार्क वाइल्ड लाइफ सेंचुरी आदि क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इनके दर्शन बहुत कम होते हैं।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: 16 घंटे तक कमरे में बंद रहा गुलदार, तब जाकर पिंजरे नमें कैद हुआ
वहीं उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में यह काफी अधिक संख्या में देखे गए हैं। हिम तेंदुओं के आवास क्षेत्र के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय नाम से जारी परियोजना के तहत पहली बार आने वाले सितंबर माह में हिम तेदुओं की गणना शुरू हो जाएगी। इसीलिए जगह-जगह कैमरा लगाए जा रहे हैं। उत्तराखंड में तकरीबन 86 हिंम तेंदुए मौजूद होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह आंकड़े तमाम शोधों पर आधारित हैं। वास्तविक आंकड़ें तो तभी सामने आ पाएंगे जब आने वाले सितंबर माह में गणना होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि हिम तेंदुए और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से प्रदेश में विंटर टूरिज्म की संख्या में भी काफी इजाफा होगा। इसी के साथ वन्यजीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की और अधिक कोशिश उत्तराखंड की ओर से की जा रही है।