पिथौरागढ़: उत्तराखंड में पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र दोनों जगह बरसात अपना कहर बरसा रही है। मूसलाधार वर्षा ने राज्य के निवासियों को काफी मुसीबत में डाल रखा है। आए दिन हादसों की दिल दहला देने तस्वीरें हमारे सामने आ रही हैं। सैकड़ों गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट चुका है। कई गांवों के पुल भी ढह गए हैं जिससे मुख्य मार्गों से उनका संपर्क टूट चुका है। नदियों में उफान आ रखा है जिसकी वजह से कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालत बन रखे हैं। बादल फटने से कई जगहों पर लोगों की मलबे के नीचे दबकर मृत्यु हो गई है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार आज कुमाऊं मंडल के कई जिलों में मूसलाधार बरसात की पूरी पूरी संभावनाएं हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन से जिले हैं जहां मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है। आगे पढ़िए
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बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़, इन 4 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसी के अलावा कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की भी पूरी पूरी संभावना है। ऐसे में यहां के मैदानी इलाकों और खासकर कि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की पूरी-पूरी जरूरत है। बीते सोमवार को पहाड़ों में हल्की सी बारिश हुई और मैदानी इलाकों में बादल छाए रहे। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में पानी कहर बनकर लोगों के ऊपर बरस रहा है। बीते सोमवार को रुद्रप्रयाग जिले के एक गांव से तुंगनाथ धाम के दर्शन के लिए जा रहे परिवार के एक किशोर के ऊपर अत्यधिक बरसात के कारण पहाड़ से पत्थर गिरने से किशोर की मृत्यु हो गई है। इससे पहले 31 जुलाई को भी एक पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई थी। वही नदियों का स्तर भी काफी बढ़ा हुआ हैं। नदियां उफान पर हैं। उत्तरकाशी के पास बरसाती नदी में एक युवक की बहने से मृत्यु हो गई है
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भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ यमुनोत्री हाईवे भी बंद हो गया है। यमुनोत्री हाईवे पर पिछले 3 दिनों से ट्रैफिक बाधित है और लोग रोड खुलने का इंतजार कर रहे हैं। तेज मूसलाधार वर्षा की वजह से बदरीनाथ हाईवे भी मलबा आने की वजह से बंद हो गया है। मानसून में अब तक 1465 मार्ग बाधित हो चुके हैं और 158 सड़कें अभी पूरी तरीके से बंद है। इन सड़कों में बारिश के कारण मलबा आ जाने से यातायात पूरी तरीके से बाधित हो रखा है और लोग इन सड़कों से आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। वहीं अगर हम पिथौरागढ़ जिले की बात करें तो पिथौरागढ़ जिले में अभी भी हालत बेहद गंभीर बने हुए हैं। 28 मार्ग अब भी बंद हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाली तीन सड़कों पर यातायात अभी तक शुरू नहीं हो पाया है और इसी के साथ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामानों की आपूर्ति करना काफी मुश्किल हो गया है। हालात यहां तक आ गए हैं दुकानों में राशन की किल्लत बढ़ गई है और सब्जियां भी धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं। कुल मिलाकर राज्य के कुछ जिलों में बरसात का कहर जारी रहेगा और लोगों की परेशानियां बढ़ती नजर आएंगी।