उत्तराखंड चमोलीFarmer daughter of Chamoli district passed UPSC exam

गढ़वाल: किसान की बेटी ने UPSC परीक्षा में पाई कामयाबी..बहुत बहुत शुभकामनाएं

उत्तराखंड के चमोली जिले की प्रियंका दीवान ने ऑल ओवर इंडिया में 297वां रैंक पाकर सिविल सर्विस परीक्षा 2019 को क्लियर कर लिया है। उनके पिता पेशे से किसान हैं

Chamoli News: Farmer daughter of Chamoli district passed UPSC exam
Image: Farmer daughter of Chamoli district passed UPSC exam (Source: Social Media)

चमोली: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती......इन पंक्तियों को साबित कर दिखाया है उत्तराखंड की एक बेटी ने। आज उत्तराखंड की जिस बेटी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर लिया है, और इसी के साथ उन्होंने प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। यह सच है कि अगर मन में कुछ करने की ठान लो तो कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं है। बीते मंगलवार को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ, जिसमें उत्तराखंड के चमोली जिले की बेटी ने 297 रैंक पाकर सिविल सर्विस परीक्षा 2019 को क्लियर कर लिया है और लाखों कैंडिडेट्स को पीछे छोड़ कर मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल कर लिया है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के रामपुर गांव निवासी प्रियंका दीवान की जो एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और उनके पिता राम दिवान गांव में ही खेती का काम करते हैं। जी हां वे एक किसान की बेटी हैं। एक किसान की बेटी द्वारा यूपीएससी का एग्जाम क्रैक कर लेना गर्व की बात तो है

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प्रियंका मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखती हैं और उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा 2019 में 297वां रैंक हासिल करके न केवल चमोली जिले और उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन किया है, साथ ही साथ उन्होंने यह साबित भी किया है कि अगर मन में कुछ ठान लो तो आपको कोई नहीं रोक सकता। उनकी मां विमला देवी ग्रहणी हैं। प्रियंका ने कहा कि यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा का यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्होंने कहा कि उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि प्रियंका को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में भेज सकें इसलिए उन्होंने गांव के ही स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और उसके बाद स्नातक की पढ़ाई उन्होंने गोपेश्वर डिग्री कॉलेज से की। प्रियंका ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्होंने अपना खर्चा चलाने के लिए 10वीं तक के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाया और वर्तमान में वह डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। आइये अब जानते हैं कि प्रियंका को आईएएस बनने की आखिर कहां से मिली। वे गोपेश्वर कॉलेज में थी जब चमोली जिले के डीएम एसए मुरुगेशन कॉलेज के दौरे पर आए थे। उनका कॉलेज काफी शानदार तरीके से सजाया गया था और उनका काफी भव्य रुप से डीएम का स्वागत भी हुआ था, जिससे वे काफी प्रभावित हुई थीं। उन्होंने कहा कि उसके बाद से ही उनके मन के अंदर यूपीएससी परीक्षा का सपना पलने लगा था।

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अब बात करते हैं कि प्रियंका ने आखिर यूपीएससी क्रैक कैसे की, उनके सामने क्या-क्या समस्याएं आईं और उनकी क्या स्ट्रैटिजी रही। प्रियंका बताती है कि सिविल सर्विस परीक्षा के लिए स्मार्ट वर्क के साथ ही समर्पण भी बेहद जरूरी है। उन्होंने यह बताया कि जब तक बच्चा खुद मेहनत नहीं करेगा, तब तक स्ट्रैटिजी कहीं भी काम नहीं आ सकती है। प्रियंका का कहना है कि उन्होंने यूपीएससी के लिए कभी भी रेगुलर होकर पढ़ाई नहीं की। उन्होंने कहा कि जब उनको ट्यूशंस और कॉलेज की पढ़ाई से टाइम मिलता था, तब वे यूपीएससी की पढ़ाई करती थीं। उनको यूपीएससी की तैयारी के लिए काफी कम समय मिल पाता था। प्रियंका दिन में कॉलेज की पढ़ाई करती थी और रात में और सुबह उठकर यूपीएससी की तैयारी भी करती थी। वाकई यह डगर मुश्किल थी मगर प्रियंका ने न केवल उस पर चलने की ठानी बल्कि संघर्षों के साथ उन्होंने आखिरकार सफलता प्राप्त की। प्रियंका ने कहा कि पढ़ाई को ज्यादा समय देकर नहीं बल्कि फोकस होकर और सही मटेरियल के साथ क्वालिटी स्टडी करना भी जरूरी है। वाकई वाकई प्रियंका दीवान ने यह साबित तो कर दिया है कि पढ़ाई के बीच में आर्थिक परिस्थितियां कभी भी आड़े नहीं आती हैं। आज पूरे राज्य को इस होनहार और काबिल बेटी पर गर्व है।