उत्तराखंड देहरादूनNegligence of Uttarakhand Public Works Department

उत्तराखंड में गजब हो रहा है, CM के अप्रूवल के बाद भी 14 महीने तक दबी रही फाइल

सचिवालय में फाइल दबाने के मामले में लोनिवि अनुभाग के पूरे स्टाफ को हटा दिया गया। इस कार्रवाई के जरिए सीएम ने सचिवालय के लापरवाह अफसरों को जल्द सुधर जाने का अल्टीमेट भी दे दिया है।

Uttarakhand CM: Negligence of Uttarakhand Public Works Department
Image: Negligence of Uttarakhand Public Works Department (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में अफसरशाही का हाल किसी से छिपा नहीं है। यहां मुख्यमंत्री के अनुमोदन वाली फाइलें तक कई-कई महीने दबी रहती है, ऐसे में मंत्री-विधायकों की किसे परवाह है। अब ऐसे लापरवाह विभागों के खिलाफ मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्यवाही शुरू हो गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुमोदन वाली फाइल को सवा साल तक दबाए रखने से नाराज राज्य सरकार ने लोनिवि के एक अनुभाग का पूरा स्टाफ बदल दिया। लोनिवि के अनुभाग-एक के पूरे स्टाफ को इधर से उधर किया जा चुका है। एसएडी की इस कार्रवाई से सचिवालय में हड़कंप है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय को कुछ और अनुभागों के बारे में भी शिकायतें मिली हैं। आगे भी पढ़ लीजिए कि आखिर ये पूरा मामला क्या है..

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चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं। सवा साल पहले सीएम ने लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गोकर्ण पांगती समेत दो इंजीनियरों को लापरवाही बरतने पर एडवर्स एंट्री देने की मंजूरी दी थी। इस फाइल पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन था। उन्होंने उसी दिन फाइल अनुभाग को भेज दी थी। कायदे से इस फाइल पर अधिकतम एक हफ्ते में अमल हो जाना चाहिए था। लेकिन इस फाइल को अनुभाग ने जुलाई में प्रस्तुत किया गया। यानी 14 महीने बाद फाइल प्रस्तुत हुई। इस मामले ने सचिवालय में कामकाज और फाइलों की मूवमेंट की हकीकत सामने ला दी है। मुख्यमंत्री बार-बार फाइलों के मूवमेंट में तेजी लाने के निर्देश देते रहे हैं। जिस पर सचिवालय प्रशासन ने फाइलों के मूवमेंट का बंटवारा भी कर दिया था, लेकिन कई अनुभागों का स्टाफ अपना लापरवाह रवैया छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

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खैर देर से ही सही इस मामले में जरूरी कार्यवाही की गई। मंगलवार को सचिव लोनिवि आरके सुंधाशु के पत्र पर एसएडी ने लोनिवि अनुभाग-एक के पूरे स्टाफ को हटाकर नया स्टाफ तैनात कर दिया। ये कार्यवाही मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर की गई थी। बताया जा रहा है कि लोनिवि का मामला सामने आने के बाद से राज्य सचिवालय के कई अनुभाग मुख्यमंत्री की नजर में चढ़े हुए हैं। मुख्यमंत्री को कुछ और अनुभागों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि इस मामले की जानकारी मिलने के बाद सेक्शन में तैनात कर्मचारियों को हटा दिया गया है। सचिवालय में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।