पिथौरागढ़: सावधान! आने वाले 48 घंटे उत्तराखंड के लिए मुसीबतभरे रहेंगे। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसलिए सतर्क रहें। अपना और अपने परिजनों का ख्याल रखें। इस वक्त गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक बारिश का दौर जारी है। बात करें कुमाऊं क्षेत्र की तो यहां आसमान से बरस रही आफत ने जनजीवन को अस्तव-व्यस्त कर दिया है। कुमाऊं में मूसलाधार बारिश ने बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंहनगर जिले के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई। पिथौरागढ़ से लगातार तबाही की तस्वीरें आ रही हैं। यहां मुनस्यारी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से काली व गोरी नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे बसे लोग डरे हुए हैं। धारचूला और थल में भारी बारिश के चलते कई मकानों में मलबा घुस गया। लोग घर छोड़कर टेंट में रहने को मजबूर हैं। पुंगराऊ बेल पट्टी में भूस्खलन की वजह से 6 से ज्यादा मकान खतरे की जद में हैं। यही हाल धारचूला का भी है। यहां भूस्खलन के बाद 30 मकान खतरे की जद में आए हैं। कई मकानों के भीतर मलबा घुसने की खबर है। बागेश्वर के आरे क्षेत्र में भी बादल फटने से भारी तबाही मची। कांडा और गरुड़ क्षेत्र में बिजली लाइनों को भारी नुकसान हुआ है। जिले के लगभग 70 गांवों में बिजली-पानी की सप्लाई ठप है। यहां कई सड़कें और खेत मलबे से पट गए। आगे पढ़िए
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ऊधमसिंहनगर के सितारंगज में कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां गुरुनानकनगरी, वनकुईया और गौढ़ी गांव में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई। घर में पानी भरने से ग्रामीणों का राशन भीग गया। खेतों में भी पानी भरा है। बाढ़ से डरे हुए लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और ऊंचे स्थानों की तरफ चले गए हैं। मौसम विभाग की मानें तो 17 अगस्त तक बारिश से राहत नहीं मिलेगी। दो दिनों के लिए प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया गया है। हमारी आपसे अपील है कि इन दिनों जितना संभव हो पहाड़ की यात्रा टाल दें। कहीं सड़क क्षतिग्रस्त होने या फिर आपदा संबंधी खबर मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में समय पर मदद पहुंचाई जा सके।