उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Shaheed Rajendra Singh Negi Dehradun

उत्तराखंड: 8 महीने बाद घर पहुंचा शहीद राजेन्द्र नेगी का पार्थिव शरीर, नम आंखों से विदाई

अंतिम यात्रा में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए और शहीद राजेंद्र सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देकर उनके परिवार का ढांढस बढ़ाया-

Shaheed Rajendra SinK Negi: Uttarakhand Shaheed Rajendra Singh Negi Dehradun
Image: Uttarakhand Shaheed Rajendra Singh Negi Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: आज समस्त उत्तराखंड शोक में डूबा हुआ है। हर जन की आंखें नम हैं, वह इसलिए क्योंकि आज राज्य ने अपने एक जाबांज जवान को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। हम बात कर रहे शहीद हवलदार राजेंद्र नेगी की, जिनका शव 8 महीने की लंबी अवधि के बाद बीते 15 अगस्त को कश्मीर के गुलमर्ग इलाके से मिला। 8 महीने उनके परिवार ने इस उम्मीद में काटे कि वे अब भी जिंदा हैं। मगर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर चुका है और इंतजार खत्म हो चुका है। शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर बीती रात 8 बजे देहरादून लाया गया और एमएच में रखा गया। जिसके बाद आज उनका पार्थिव शरीर देहरादून उनके निवास में लाया गया। शव को देखते ही उनके माता-पिता, बीवी-बच्चों समेत सबका बिलखना सुन वहां मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और शहीद राजेंद्र सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देकर उनके परिवार का ढांढस बढ़ाया।

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11 गढ़वाल राइफल्स में तैनात हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बीते 8 जनवरी 2020 को कश्मीर के बारामूला के गुलमर्ग क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान बर्फ में फिसलकर लापता हो गए थे। हिमस्खलन की चपेट में आए शहीद जवान राजेन्द्र नेगी की तब काफी दिनों तक तलाश की गई थी मगर सेना द्वारा उनका पता नहीं लग पाया था। कई महीनों की खोज खबर के बाद भी जब उनका पता नहीं लग पाया तो सेना ने उन्हें शहीद घोषित कर दिया। बीते 21 मई 2020 को सेना ने राजेन्द्र सिंह नेगी को शहीद का दर्जा दे दिया। मगर उनके परिवार वालों ने खासकर शहीद की पत्नी ने कहा कि जबतक उनका शव नहीं मिल जाता तब तक वे उनको शहीद नहीं मानेंगे। उनके परिवार में उनके बूढ़े माता-पिता के अलावा पत्नी और 3 बच्चे भी हैं। उनकी पत्नी ने हार नहीं मानी और रक्षा मंत्रालय समेत कई बड़े विभागों को चिट्ठी लिख कर यह दरख्वास्त भी करी कि उनके लापता पति की खोज जारी रखी जाए।

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मगर बीती 15 अगस्त को पुलिस को कश्मीर में शहीद जवान का शव मिला जिसके बाद पुलिस ने इस बारे में उनके परिजनों को सूचित करें और उनके परिजनों के बीच में कोहराम मच गया। 8 महीने के लंबे इंतजार के बाद आज उनका पार्थिव शरीर देहरादून उनके निवास में लाया गया जिसके बाद वहां मौजूद हर एक जन की आंखें नम हो गईं। नम आंखों से उनकी पत्नी, उनके बच्चों और उनके माता-पिता ने उनको अंतिम विदाई दी। उन को अंतिम विदाई देने के लिए उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी वहां मौजूद थे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हवलदार राजेंद्र नेगी के आवास में पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि दी और आखिरी सलामी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके परिवार का हौसला बढ़ाया और कहा कि राजेंद्र नेगी की पत्नी को सरकार योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं राजेंद्र नेगी के पिता ने उनके शहीद बेटे के शव को उन तक पहुंचाने के लिए सेना का और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है।