उत्तराखंड चमोलीChamoli Naveen Rawat takes cow baby to Dehradun

उत्तराखंड: घायल बछड़े को कंधे पर लेकर 3 Km चला युवक, पहाड़ में इलाज नहीं मिला तो देहरादून पहुंचाया

घायल मवेशियों को लोग जंगल में मरने के लिए छोड़ देते हैं, लेकिन नवीन ने ऐसा नहीं किया। नवीन ने बछड़े को कंधे पर ढोकर अस्पताल पहुंचाया, चमोली में इलाज नहीं हुआ तो बछड़े को देहरादून ले गया। आगे पढ़िए पूरी खबर

Chamoli News: Chamoli Naveen Rawat takes cow baby to Dehradun
Image: Chamoli Naveen Rawat takes cow baby to Dehradun (Source: Social Media)

चमोली: आमतौर पर लोग पशुप्रेम की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब बात बेजुबानों की देखभाल की आती है, उन्हें संरक्षण देने की आती है तो ज्यादातर लोग नाक-भौं सिकोड़ लेते हैं। मवेशी बीमार हो जाए तो लोग इन्हें भगवान भरोसे छोड़ देते हैं। ना इन्हें कोई हाथ लगाना चाहता है और ना इनकी तरफ देखना, लेकिन चमोली के रहने वाले नवीन रावत इन लोगों से अलग हैं। गोपेश्वर के रहने वाले इस युवक ने एक घायल बछड़े को जंगल में मरने के लिए नहीं छोड़ा। बछड़े की जान बचाने के लिए नवीन ने उसे कंधे में ढोकर 3 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया। जब जिले के अस्पताल में बछड़े को इलाज नही मिला तो नवीन ने फेसबुक पर लोगों से मदद मांगी और बेजुबान बछड़े को किसी तरह देहरादून पहुंचाया। घायल बछड़े का देहरादून में इलाज चल रहा है।

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नवीन रावत घाट ब्लॉक के कांडई गांव में रहते हैं। भारत-तिब्बत सीमा से लगे इस क्षेत्र में ग्रामीणों का गुजारा बड़ी मुश्किल से होता है। स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम इस क्षेत्र में आज भी लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। ऐसे कठिन हालातों में नवीन ने बछड़े की जान बचाने के लिए जो जज्बा दिखाया, वो कम ही देखने को मिलता है। नवीन ने बताया कि वो पिछले दिनों कांडई गांव से पगना जा रहे थे। इस दौरान उन्हें रास्ते में एक बछड़ा मिला। बछड़ा बुरी तरह घायल था। लोगों ने बताया कि बछड़ा पहाड़ी से गिरने की वजह से घायल हो गया था और पिछले 2 हफ्ते से जंगल में ही था। नवीन से बछड़े का दर्द देखा नहीं गया। उसने बछड़े को अस्पताल पहुंचाने की ठानी। हिम्मत जुटाकर नवीन ने बछड़े को कंधे में लादा और 3 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर निकटवर्ती पशु चिकित्सालय पहुंचाया।

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बाद में बछड़े को दूसरे पशु चिकित्सालय में रेफर कर दिया गया। नवीन बछड़े को दूसरे अस्पताल में ले गया तो डॉक्टरों ने कहा कि बछड़े का इलाज हायर सेंटर में होगा। नवीन की जगह कोई और होता तो बछड़े को उसके हाल पर छोड़ देता, लेकिन नवीन ने हार नहीं मानी। नवीन बेरोजगार है, लेकिन उसने बछड़े का इलाज कराने की ठान ली थी। नवीन ने फेसबुक के जरिए लोगों से मदद मांगी। इस तरह बछड़े के इलाज के लिए धनराशि जुटाई गई और बछड़े को देहरादून के सरकारी पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बछड़े की हालत अब भी गंभीर है, लेकिन नवीन को संतुष्टि है कि कम से कम उसने अपने प्रयास में कोई कमी नहीं छोड़ी। घायल बछड़े की जान बचाने के लिए नवीन ने जो किया, उसकी पूरे गांव और सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। लोग नवीन को सैल्यूट कर रहे हैं।