उत्तराखंड चमोलीChamoli: Campaign to revive Durmital Kejriwal support

गढ़वाल में दुर्मीताल को पुनर्जीवित करने की मुहिम..केजरीवाल ने किया समर्थन

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुर्मी ताल क्षेत्र एक बार फिर पर्यटन मानचित्र पर आना चाहिए।

Durmital Kejriwal: Chamoli: Campaign to revive Durmital Kejriwal support
Image: Chamoli: Campaign to revive Durmital Kejriwal support (Source: Social Media)

चमोली: चमोली की निजमुला घाटी में स्थित ऐतिहासिक दुर्मी ताल को उसका खोया हुआ मान-सम्मान वापस दिलाने की मुहिम जारी है। निजमुला घाटी के लोग दुर्मी ताल को पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुटे हैं और अब इस मुहिम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन भी मिल गया है। उत्तराखंड में पांव जमाने की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये क्षेत्र एक बार फिर पर्यटन मानचित्र पर आना चाहिए। उन्होंने घाटी के ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वो दुर्मी ताल के पुनर्निर्माण में पूरा सहयोग करेंगे। निजमुला घाटी में स्थित दुर्मी ताल गोपेश्वर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आगे भी जानिए इस बारे में कुछ खास बातें

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - दुखद: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन
ब्रिटिश हुकूमत के दौरान इस जगह की शान देखने लायक होती थी। तब यहां अंग्रेज अफसर नौकायन का लुत्फ उठाने आते थे। आजादी के बाद भी ये ताल घाटी के एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लिए रोजगार का प्रमुख जरिया बना रहा। यहां बड़ी तादाद में पर्यटक आते थे, लेकिन साल 1971 में आई आपदा में दुर्मीताल बाढ़ की भेंट चढ़ गया। जिससे घाटी के ग्रामीणों का रोजगार छिन गया। अब ग्रामीण दुर्मी ताल को एक बार फिर पुनर्जीवित करने की मुहिम में जुटे हैं, ताकि इसे पर्यटन मानचित्र पर लाकर रोजगार का माध्यम बनाया जा सके। ग्रामीणों ने यहां बीते 15 अगस्त से मलबा हटाने का काम शुरू किया है। पिछले दिनों खुदाई के दौरान यहां अंग्रेजों के जमाने की एक नाव भी मिली थी। जिससे निजमुला घाटी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तरकाशी में बुरा हाल…एक महीने के भीतर 600 लोग कोरोना पॉजिटिव
यहां चल रही मुहिम की गूंज दिल्ली तक पहुंची और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ग्रामीणों के प्रयास को सराहा। उन्होंने ईराणी गांव के प्रधान मोहन सिंह को एक पत्र लिखा है। जिसमें केजरीवाल ने लिखा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से दुर्मी ताल में चल रहे अभियान के बारे में जानकारी मिली। सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं और ग्रामीणों की ये पहल क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगी। उन्होंने इस मुहिम में ग्रामीणों की हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। बता दें कि शासन-प्रशासन की अनदेखी से निराश ग्रामीण दुर्मीताल को दोबारा सजाने-संवारने के लिए खुद आगे आए हैं। यहां ईरानी, पाणा, झींझी, पगना, दुर्मी, गौना, निजमूला, थोलि और ब्यारा समेत कई गांवों के ग्रामीण दुर्मी ताल को संवारने में जुटे हैं, ताकि दुर्मी ताल को उसका खोया हुआ रुतबा वापस मिल सके।