हरिद्वार: उत्तराखंड चमत्कारों की भूमि है। यहां ऐसी कई जगहें हैं, जहां आस्था के सामने विज्ञान भी नतमस्तक नजर आता है। कुदरत का ऐसा ही एक चमत्कार इन दिनों कुंभनगरी हरिद्वार में देखने को मिल रहा है। कुछ समाचारों के मुताबिक हरिद्वार के एक घर में दुर्लभ फूल खिला है। हालंकि इसे नाम ब्रह्मपुष्प दिया जा रहा है। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प है। ये आमतौर पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खिलता है। सर्दी का मौसम शुरू होने पर ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में ब्रह्मपुष्प नजर आने लगते हैं, लेकिन मैदानी इलाके में इसका खिलना कुदरत का चमत्कार ही है। जिन सज्जन के घर में दुर्लभ ब्रह्मपुष्प खिला है, उनका नाम है राम अवतार शर्मा। राम अवतार शर्मा निरंजनी अखाड़ा मायापुर में रहते हैं। राम अवतार शर्मा बताते हैं कि 20 साल पहले वो ब्रह्मपुष्प के पौधे को बेंगलुरू से हरिद्वार लेकर आए थे। कुछ समय बाद पौधे में फूल लगने लगे। पिछले कुछ सालों से ये फूल उनके घर में खिल रहा है। राम अवतार शर्मा कहते हैं कि उनके घर में ब्रह्मपुष्प का खिलना देवताओं के आशीर्वाद का अहसास कराता है। शास्त्रों में ब्रह्मपुष्प को भगवान विष्णु और लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप भी माना गया है। आगे पढ़िए
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ये पुष्प सिर्फ 4 घंटे के लिए ही खिलता है। रामअवतार शर्मा बताते हैं कि हरिद्वार में ब्रह्मपुष्प के लिए अनुकूल वातावरण नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पिछले कई साल से यह पुष्प उनके घर में खिल रहा है। पौधे पर जब भी फूल खिलता है, पूरे घर में इसकी सुगंध फैल जाती है। आस-पास के लोग ब्रह्मपुष्प के दर्शन के लिए उनके घर पहुंचने लगते हैं। चलिए अब आपको ब्रह्मकमल पुष्प की खासियत बताते हैं। इसे देवपुष्प भी कहते हैं। ब्रह्मपुष्प उच्च हिमालयी क्षेत्र में समुद्रतल से 3000 मीटर से लेकर 4800 मीटर तक की ऊंचाई पर खिलता है। मान्यता है कि जिस घर में ब्रह्मकमल होता है, वहां सांप नहीं आते। भगवान शिव और माता पार्वती को ब्रह्मपुष्प अत्यंत प्रिय है। ब्रह्मपुष्प सफेद और हल्का पीला रंग लिए होता है। उत्तराखंड में इसकी 28 प्रजातियां पाई जाती हैं।