उत्तराखंड पिथौरागढ़Students union president in amaran anshan in pithoragarh

उत्तराखंड: अनशन पर बैठे छात्रसंघ अध्यक्ष की तबीयत बिगड़ी, छात्रों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रमोहन पांडेय पिछले 24 घंटे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं, उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है, लेकिन उन्होंने अनशन जारी रखने का फैसला किया है।

Pithoragarh news: Students union president in amaran anshan in pithoragarh
Image: Students union president in amaran anshan in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रमोहन पांडेय का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है, लेकिन उन्होंने भूख हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रमोहन पांडेय आगामी 14 सितंबर से होने वाली परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। पिछले 24 घंटे से भूख हड़ताल पर बैठे चंद्रमोहन पांडेय के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है, उनकी तबीयत बिगड़ रही है, लेकिन उन्होंने अनशन जारी रखने का फैसला किया है। छात्रसंघ अध्यक्ष के साथ पिथौरागढ़ महाविद्यालय के कई छात्र पिछले दो दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं।

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कोरोना संकट ने हर वर्ग पर बुरा असर डाला है। मुश्किल के इस दौर में छात्र भी कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। उत्तराखंड के कॉलेजों में 14 सितंबर से परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, लेकिन आपदा प्रभावित इलाकों में संचार सेवाएं ध्वस्त होने की वजह से दूरदराज के छात्र-छात्राओं से संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्हें परीक्षा की तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अनशन पर बैठे छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रमोहन पांडेय ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रहा है। परीक्षाओं को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं की गई है। छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें उग्र आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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छात्र नेता चंद्रमोहन पांडेय ने कहा कि एमए और एमएससी के प्रोविजनल प्रवेश पर भी यूनिवर्सिटी ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के हितों की अनदेखी कर रहा है। अनशन पर बैठे छात्रसंघ कोषाध्यक्ष यश लुंठी ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री कोरी बयानबाजी कर मामले से पल्ला झाड़ने का काम कर रहे हैं। छात्र नेताओं ने कहा कि अगर अनशन पर बैठे उनके साथियों के साथ कोई भी अनहोनी हुई तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन की होगी। ऐसा होने पर सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। कुमाऊं भर के छात्रसंघ सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ मोर्चा शुरू कर देंगे। आपको बता दें कि पिथौरागढ़ के छात्र कुमाऊं यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की डेट में संशोधन की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर छात्र पहले क्रमिक अनशन पर बैठे थे। गुरुवार से उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया है।