उत्तराखंड बागेश्वरFormer army person Ishwar Singh startup bageshwar

पहाड़ के पूर्व फौजी ईश्वर सिंह..छोटी रकम से शुरू किया स्टार्ट अप, अब अच्छी कमाई

पूर्व फौजी ईश्वर सिंह ने स्टार्टअप के जरिए क्षेत्र के कई युवाओं को रोजगार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन बढ़ेगा तो वो और लोगों को भी काम से जोड़ेंगे। जानिए इनकी कहानी

Bageshwar News: Former army person Ishwar Singh startup bageshwar
Image: Former army person Ishwar Singh startup bageshwar (Source: Social Media)

बागेश्वर: पलायन से मुकाबला करना है तो पहाड़ियों को आत्मनिर्भर बनना होगा। देर से ही सही अब लोग स्वरोजगार का महत्व समझने लगे हैं। अपने घर-पहाड़ में रहकर रोजगार की संभावनाएं तलाश रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं। स्टार्टअप की ऐसी ही शानदार मिसाल कुमाऊं के जिले बागेश्वर में देखने को मिली। जहां पूर्व फौजी ने पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम से प्रेरित होकर चप्पल बनाने का कारोबार शुरू किया। जिससे वो खुद भी आत्मनिर्भर बने और गांव के कई युवाओं को भी रोजगार दिया। अब गांव के लोगों को चप्पलों के लिए मैदान के बाजारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मंडलसेरा इलाके में एक गांव है जीतनगर। पूर्व फौजी ईश्वर सिंह बजेटा यहीं रहते हैं। उन्होंने चप्पल बनाने का कारोबार शुरू किया है। जिसमें उन्हें खूब मुनाफा भी हो रहा है। ईश्वर सिंह बजेटा फौज में थे। रिटायरमेंट के बाद वो गांव लौटे तो सोचा कि क्यों ना दूसरी नौकरी करने की बजाय अपना काम शुरू किया जाए। तब उन्हें चप्पल की फैक्ट्री लगाने का आइडिया आया। आगे पढ़िए

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ये व्यवसाय पारंपरिक व्यवसाय से अलग है, ऐसे में रिस्क तो था, लेकिन ईश्वर सिंह घबराए नहीं। उन्होंने जीतनगर कस्बे में चप्पल बनाने की फैक्ट्री लगाई। जिसका शुभारंभ विधायक चंदन राम दास ने किया। विधायक और स्थानीय संगठनों ने भी ईश्वर सिंह बजेटा के प्रयास को सराहा। उन्होंने कहा कि अगर आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को सच करना है तो शहर, कस्बे और गांवों में लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम को आगे बढ़ाना होगा। पूर्व फौजी ईश्वर सिंह ने स्टार्टअप के जरिए युवाओं को सकारात्मक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि देशभर में लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम चल रहा है। इसके माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। पूर्व फौजी ईश्वर सिंह बजेटा कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की वजह से कई लोग बेरोजगार हुए हैं। वो महानगरों से घर लौटे लोगों को रोजगार देने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल उनकी फैक्ट्री के जरिए चार लोगों को रोजगार मिला है। भविष्य में प्रोडक्शन बढ़ेगा तो वो और लोगों को भी कारोबार से जोड़ेंगे। क्षेत्र में चप्पलों का कारोबार शुरू करने वाले पूर्व फौजी ईश्वर सिंह बजेटा प्रवासी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं।