उत्तराखंड चमोलीUttarakhand: Road ready to Rimkhim on China border

गढ़वाल: चीन बॉर्डर पर रिमखिम तक सड़क तैयार, भारतीय सेना और BRO की बड़ी कामयाबी

चीन सीमा पर सेना की पहुंच आसान हो गई है। भारत की तरफ से मलारी से 60 किमी आगे स्थित आखिरी चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक रोड पहुंच गई है। आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarakhand China Border: Uttarakhand: Road ready to Rimkhim on China border
Image: Uttarakhand: Road ready to Rimkhim on China border (Source: Social Media)

चमोली: एलएसी पर जारी तनाव के बीच उत्तराखंड में सैन्य गतिविधियां बढ़ गई हैं। भारत-चीन सीमा पर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो गया है। इसी कड़ी में बीआरओ ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। सीमा सड़क संगठन ने चमोली में सेना की अंतिम चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक सड़क पहुंचा दी है। इस तरह सीमा पर सेना की पहुंच आसान हो गई है। भारत की तरफ से मलारी से 60 किमी आगे स्थित आखिरी चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक रोड पहुंच गई है। यहां से माणा पास की दूरी महज 5 किलोमीटर है। सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ ने यहां चट्टानों को काटकर सड़क का निर्माण किया है। आगे जानिए इस सड़क के बारे में कुछ बातें, जो इस सड़क को बेहद खास बनाती हैं।

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भारत-चीन के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। सीमा पर भी इसका असर दिख रहा है। चीन बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था के मजबूत इंतजाम किए जा रहे हैं। भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत की तरफ से सीमा क्षेत्र को सड़क से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। अब अपर रिमखिम तक रोड पहुंचा दी गई है। जिससे सेना और आईटीबीपी के जवानों की सरहद तक पहुंच आसान हो गई है। बीआरओ सीमावर्ती क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने के लिए लगातार काम कर रहा है। बीआरओ के अधिकारियों और श्रमिकों की मेहनत से चीन बॉर्डर पर सेना की पहुंच आसान हो गई है। श्रमिकों ने दिन-रात काम कर के आखिरी चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक रोड पहुंचा दी है। वास्तव में श्रमिकों की मेहनत को भी सलाम है। आगे पढ़िए

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धोखेबाज चीन की हरकतों के चलते सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। इसे देखते हुए भारत की तरफ से सीमा क्षेत्र को सड़क से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसी कड़ी में आखिरी चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक रोड बनाई गई है। अब यहां से माणा पास करीब पांच किमी रह जाएगा। सीमा तक सड़क पहुंचने से सेना के वाहनों को आवाजाही में सहूलियत मिलेगी। जरूरी सैन्य सामग्री और रसद को अग्रिम चौकियों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। इससे पहले सीमा तक सामग्री पहुंचाने के लिए जवानों को सामान लेकर पैदल चलना पड़ता था। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि मलारी से आगे भारतीय सेना की अंतिम चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक सड़क पहुंच गई है। इसके अलावा नीती पास और माणा पास तक सड़क निर्माण का कार्य जारी है।