उत्तराखंड देहरादूनDehradun youth made eco friendly bricks by plastic

देहरादून में ऐसे जागरूक नौजवान भी हैं, प्लास्टिक कचरे से बनाईं ईको फ्रेंडली ईंट

दून की एक निजी संस्था के युवाओं ने प्लास्टिक कचरे के उपयोग का ऐसा शानदार तरीका खोज निकाला है, जिसके बारे में सुनकर आप भी वाह-वाह कह उठेंगे।

Dehradun news: Dehradun youth made eco friendly bricks by plastic
Image: Dehradun youth made eco friendly bricks by plastic (Source: Social Media)

देहरादून: देशभर में स्वच्छता अभियान चल रहा है। गली-मोहल्लों की सफाई पर लोग फिर भी ध्यान दे रहे हैं, लेकिन जगह-जगह बिखरी प्लास्टिक की बोतलों का क्या करना है, ये अब भी किसी को समझ नहीं आ रहा। कूड़े और प्लास्टिक पर लोग नाक तो सिकोड़ते हैं। सफाई पर लंबे-चौड़े भाषण भी देते हैं, लेकिन समस्या का समाधान किसी के पास नहीं। ऐसे वक्त में देहरादून की एक निजी संस्था के युवाओं ने प्लास्टिक कचरे के उपयोग का ऐसा शानदार तरीका खोज निकाला है, जिसके बारे में सुनकर आप भी वाह-वाह कह उठेंगे। संस्था से जुड़े युवा जगह-जगह फैले प्लास्टिक कूड़े से ईको फ्रेंडली ईंट तैयार कर रहे हैं। ये ईंटें दिखती कैसी हैं, ये आप तस्वीरों में देख सकते हैं। इन्हें तैयार करने के लिए युवाओं ने जगह-जगह फैले प्लास्टिक कूड़े का इस्तेमाल किया है।

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संस्था ने प्लास्टिक कूड़े का सदुपयोग करने के लिए 4 हजार प्लास्टिक बोतलों को ईको फ्रेंडली ईंट के तौर पर इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा है। दून के युवाओं की इस शानदार कोशिश की हर तरफ तारीफ हो रही है। चलिए अब आपको प्लास्टिक कचरे से ईंट बनाने वाली इस संस्था के बारे में बताते हैं। संस्था का नाम है बिल्डिंग ड्रीम्स फाउंडेशन। ये निजी संस्था पर्यावरण संरक्षण और गरीबों के उत्थान के लिए काम करती है। संस्था के प्रबंधक हिमांशु पाठक कहते हैं कि अगर हमें देहरादून की खूबसूरती बचाए रखनी है तो शहर को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करना होगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संस्था से जुड़े युवा साथी प्लास्टिक से ईको फ्रेंडली ईंट तैयार कर रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले शहर से प्लास्टिक कूड़ा और बोतलें इकट्ठा की गईं। बाद में इनसे ईंट बनाकर प्रेमनगर कैंटोनमेंट बोर्ड के स्कूल के लिए चबूतरा तैयार किया गया।

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प्लास्टिक की ईंट से बना चबूतरा देखने में बेहद खूबसूरत है। अब स्कूली छात्र इस पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। हिमांशु बताते हैं कि एक ईको फ्रेंडली ईंट बनाने के लिए 600-700 ग्राम पॉलिथीन या प्लास्टिक वेस्ट की जरूरत पड़ती है। ऐसे में जगह-जगह फैले प्लास्टिक कूड़े का सदुपयोग करने के लिए युवाओं ने 4 हजार प्लास्टिक बोतलों को ईको फ्रेंडली ईंट के तौर पर इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा है। बिल्डिंग ड्रीम्ज फाउंडेशन के निदेशक रंजीत बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें इस प्रोजेक्ट में किसी का सहयोग नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब लोग उनके प्रयास को समझने लगे हैं। वो चाहतें हैं कि सरकार और नगर निगम प्रशासन भी उन्हें सहयोग दे, ताकि प्लास्टिक के कूड़े का बेहतर निस्तारण और सदुपयोग हो सके।