उत्तराखंड उत्तरकाशीFirst solar farming plant started in Uttarkashi

ये है पहाड़ में पहला सोलर फार्मिंग प्लांट, योजना से जुड़ेंगे 10 हजार लोग..अच्छी होगी कमाई

इस प्लांट से सालाना औसतन तीन लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarkashi Solar Farming Plant: First solar farming plant started in Uttarkashi
Image: First solar farming plant started in Uttarkashi (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में स्वरोजगार इस समय कितना जरूरी है यह हम सबको पता ही है। कोरोना काल में कई युवा अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं और उन्होंने वापस उत्तराखंड की ओर रुख किया है। वापस आने के बाद एक ओर युवाओं के सामने रोजगार बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। वहीं उत्तराखंड सरकार भी अब स्वरोजगार के ऊपर काफी अधिक जोर लगा रही है और अपनी ओर से युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है। हाल ही में 'मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना' के तहत राज्य सरकार द्वारा राज्य के तकरीबन 10,000 युवाओं को सौर ऊर्जा के स्वरोजगार से जोड़ने की शानदार मुहिम चलाई गई है। काफी समय से प्रतीक्षित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को धरातल पर लाने का आदेश आखिरकार जारी हो चुका है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत तकरीबन 10,000 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के तकरीबन 10,000 युवाओं खाली पड़ी जमीन पर 25 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाने का मौका मिलेगा।

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इसी योजना के तहत आज उत्तराखंड के चिन्यालीसौड़ में 200 किलो वाट की क्षमता के सोलर ऊर्जा प्लांट का लोकार्पण किया गया। यह प्लांट स्थापित किया गया है उत्तरकाशी के निवासी युवा आमोद पंवार द्वारा। बता दें की आमोद ने अपने गांव इंदिरा टिपरी में इस 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया के पर यह खबर दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी फेसबुक पर इस बात की जानकारी देते हुए कहा की इस प्लांट से सालाना औसतन तीन लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा। उन्होंने लिखा कि राज्य में स्वरोजगार के लिए भाजपा सरकार ने पहल की है और इसी क्रम में सौर ऊर्जा रोजगार के ऊपर भी काफी अधिक जोर दिया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से लोगों को खुद का रोजगार प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और इसी के तहत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 10,000 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश में खाली पड़ी जमीन पर युवाओं को 25 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाने का मौका मिलेगा। सोलर प्लांट पर उनको सब्सिडी तो मिलेगी ही, इसी के साथ उद्यमी इस बिजली को सीधे सरकार को बेच सकेंगे। डेढ़ से ढाई लाख तक की पूंजी वाला व्यक्ति सरकार के सहयोग से इस परियोजना का लाभ ले सकता है। इसके लिए बैंक से तकरीबन 70% तक का लोन मिलेगा। यह लोन कोऑपरेटिव बैंक से 8% कि ब्याज के दर पर मिलेगा। बता दें कि सोलर प्लांट लगाने वालों के साथ सरकार का 25 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन होगा और 25 किलो वाट के प्रोजेक्ट से सालाना 38,000 यूनिट बिजली पैदा होगी। इस प्लान से पैदा होने वाली बिजली 4 रुपये प्रति यूनिट से भी अधिक दर से यूपीसीएल खरीदेगा जिससे युवा हर महीने तकरीबन 14 से रुपये 15000 से अधिक घर बैठे-बैठे ही कमा सकते हैं।