उत्तराखंड रुद्रप्रयागReport of migration in Rudraprayag district

रुद्रप्रयाग जिले के ये आंकड़े डराते हैं, पलायन आयोग की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

रुद्रप्रयाग जिले से बीते दस सालों में 30 हजार से अधिक लोगों ने पलायन किया, जिसमें से 7835 लोगों ने स्थायी रूप से पलायन किया है। आगे पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Rudraprayag News: Report of migration in Rudraprayag district
Image: Report of migration in Rudraprayag district (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: पलायन...पहाड़ का सबसे बड़ा दर्द। उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला भी इससे अछूता नहीं है। कहने को रुद्रप्रयाग की केदारघाटी में हर सुविधा पहुंच गई है। लोगों के आने-जाने के रास्ते सुगम हो गए हैं। चारधामों में से एक प्रमुख धाम केदारनाथ यहीं पर स्थित है, लेकिन चारधाम यात्रा का प्रमुख आधार होने के बावजूद यहां आमदनी बढ़ाने की व्यवस्था आगे नहीं बढ़ पाई। नतीजतन रोजगार की तलाश में पलायन करना लोगों की मजबूरी बन गया है। रुद्रप्रयाग जिले से बीते दस सालों में 30 हजार से अधिक लोगों ने पलायन किया, जिसमें से 7835 लोगों ने स्थायी रूप से पलायन किया है। यही नहीं रुद्रप्रयाग जिला प्रति व्यक्ति आय और मानव विकास सूचकांक में भी सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है। आगे जानिए इस बारे में कुछ खास बातें

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हाल में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को रुद्रप्रयाग जिले की पलायन और आर्थिकी पर आधारित रिपोर्ट सौंपी। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिले की 316 ग्राम पंचायतों से पिछले 10 सालों में 22,735 लोगों ने जिले के भीतर एक जगह से दूसरी जगह पर अस्थाई रूप से पलायन किया। जबकि 7835 लोग गांवों से स्थायी रूप से पलायन कर गए। चिंता वाली बात ये है कि पलायन करने वालों में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। रुद्रप्रयाग जिले से पलायन करने वालों में 26 से 35 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या तकरीबन 40 फीसदी है। जिले के 35 गांव पूरी तरह वीरान हो चुके हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि विकासखंड ऊखीमठ की जनसंख्या में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अगस्त्यमुनि की जनसंख्या में दो प्रतिशत की कमी आई है।

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वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य घरेलू उत्पाद के आधार पर रुद्रप्रयाग की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय महज 83,521 रुपये है, जो कि प्रदेश में सबसे कम है। इसी तरह जिले का मानव विकास सूचकांक भी दूसरे पर्वतीय जिलों से कम है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में बढ़ते पलायन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लोगों को जिले में रोकने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे। प्रमुख पर्यटक और धार्मिक स्थलों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना होगा। इसके अलावा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। जिले में महिलाओं की आबादी अधिक है। ऐसे में महिलाओं का कौशल विकास करना जरूरी है। पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जिले में पर्यटन विकास योजना तैयार करने पर जोर दिया। साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन और चारधाम सड़क परियोजना के अस्तित्व में आने के बाद रुद्रप्रयाग जिले के विकास में तेजी आने की उम्मीद भी जताई।