उत्तराखंड ऋषिकेशThe longest railway tunnel in the country will be built in Uttarakhand

उत्तराखंड में बनेगी देश की सबसे लंबी रेल सुरंग, जानिए इस प्रोजक्ट की खास बातें

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना भारतीय रेल की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजना है। प्रोजेक्ट के तहत 17 टनल बनाई जाएंगी। जिनका निर्माण अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों द्वारा बहुत तेजी से किया जा रहा है।

Char Dham Rail Newark Uttarakhand: The longest railway tunnel in the country will be built in Uttarakhand
Image: The longest railway tunnel in the country will be built in Uttarakhand (Source: Social Media)

ऋषिकेश: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये रेल लाइन 125 किलोमीटर लंबी है, जो चारधाम को जोड़ेगी। प्रोजेक्ट के तहत देवप्रयाग से पौड़ी जिले में पड़ने वाले स्टेशन जनासू तक 14.5 किमी लंबी डबल ट्यूब सुरंग बनाई जाएगी। जो कि देश की सबसे लंबी रेल सुरंग होगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बनने वाली 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। इसी क्रम में देवप्रयाग से जनासू स्टेशन तक डबल ट्यूब सुरंग बनाई जानी है। डबल ट्यूब सुरंग 14.5 किलोमीटर लंबी होगी। जो कि देश की सबसे लंबी सुरंग होगी। इस वक्त सबसे लंबी सुरंग का खिताब जम्मू-कश्मीर के पीर पंजाल में बनी सुरंग के पास है। जिसकी लंबाई 11.2 किलोमीटर है। जबकि उत्तराखंड में बनने वाली सुरंग की लंबाई 14.5 किलोमीटर होगी।

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लॉकडाउन के दौरान परियोजना का काम थम गया था, लेकिन अनलॉक में पाबंदी हटने के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। परियोजना का काम पूरा होने के बाद उत्तराखंड में स्थित चारधाम की यात्रा सुगम और सुरक्षित होगी। इससे उत्तराखंड में पर्यटन को नए आयाम मिलेंगे। उत्तराखंड क्योंकि चीन सीमा से सटा राज्य है, इसलिए यह परियोजना सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि परियोजना के तहत बनने वाली 11 सुरंगों की लंबाई छह किलोमीटर या इससे ज्यादा है। जबकि छह की लंबाई इससे कम है। परियोजना के तहत सबसे लंबी सुरंग देवप्रयाग से जनासू के बीच बनेगी। प्रोजेक्ट के तहत कहां-कहां सुरंगे बनाई जाएंगी, ये भी बताते हैं। आगे पढ़िए

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ढालावाला से शिवपुरी तक 10.8 किमी लंबी सुरंग बनेगी। शिवपुरी से गुलर तक 6.4 किमी, गूलर से व्यासी तक 6.7 किमी, व्यासी से कौडियाला तक 2.2 किमी, कौडियाला से बागेश्वर तक 9.7 किमी, राजचौरा से पौड़ी नाला तक 220 मीटर, पौड़ी नाला से देवप्रयाग तक 1.2 किमी, देवप्रयाग से जनासू तक 14.5 किमी, लछमोली से मलेथा तक 2.8 किमी, मलेथा से श्रीनगर 4.2 किमी, श्रीनगर से धारी तक 9.0 किमी, धारी से नरकोटा 7.0 किमी, नरकोटा से तिलानी 9.4 किमी, तिलानी से घोलतीर तक 6.4 और घोलतीर से गौचर तक 7.1 किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी। इसी तरह रानो से सिवाई तक 6.4 और सिवाई से कर्णप्रयाग तक 200 मीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी। आपको बता दें कि प्रोजेक्ट के तहत 80 प्रतिशत रेलवे लाइन टनल के अंदर बनाई जाएगी। पहाड़ी इलाकों में टनल बनाने का काम अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों द्वारा बहुत तेजी से किया जा रहा है।