उत्तराखंड देहरादूनConditions for opening school in Uttarakhand

उत्तराखंड में स्कूल खोलने के लिए संचालकों ने रखीं 5 शर्तें, अब फंस सकता है पेंच

स्कूल संचालकों ने कहा कि वो 15 अक्टूबर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने के लिए सहमत हैं, लेकिन स्कूल खुलने के बाद अभिभावकों को छात्रों को स्कूल भेजना होगा।

Uttarakhand School: Conditions for opening school in Uttarakhand
Image: Conditions for opening school in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: अनलॉक-5 में केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने की सशर्त मंजूरी दे दी। उत्तराखंड में भी स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर के बाद प्रदेश में स्कूलों का संचालन शुरू हो जाएगा, हालांकि इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। फिलहाल शिक्षा विभाग जिलों के डीएम, स्वास्थ्य विभाग और अभिभावकों से फीडबैक ले रहा है। वहीं निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि वो स्कूल खोलने को तैयार हैं, लेकिन अपनी शर्त पर। निजी स्कूल संचालकों की शर्तें क्या हैं, ये भी बताते हैं। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि वो 15 अक्टूबर से गाइडलाइन के तहत स्कूल खोलने को राजी हैं, लेकिन एक हफ्ते बाद वह ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर देंगे। स्कूल संचालक ये भी कह रहे हैं कि अभिभावकों को छात्रों को अपने रिस्क पर स्कूल भेजना होगा।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: खतरे में पहाड़ का ये गांव, भूगर्भ वैज्ञानिकों ने दिया बड़ी तबाही का संकेत
बुधवार को निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा सचिव से वर्चुअल मीटिंग के जरिए बातचीत की। इस दौरान स्कूल प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं शिक्षा विभाग के सामने रखीं, साथ ही अपनी शर्तें भी बताई। प्रतिनिधियों ने कहा कि वो 15 अक्टूबर से सरकार की गाइडलाइन के तहत स्कूल खोलने को तैयार हैं। लेकिन स्कूल खुलने के एक हफ्ते बाद वो ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर देंगे। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के सामने पांच शर्ते रखीं। स्कूल संचालकों ने कहा कि स्कूल खुलने पर जो अभिभावक फीस नहीं देंगे। उन्हें एक अक्टूबर से लेट फीस देनी होगी। अगर किसी बच्चे को कोरोना होता है तो टीचर, प्रिंसिपल या प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाए।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: दो ट्रकों की भीषण टक्कर में दो लोगों की मौत, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
इसके अलावा स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि बच्चे को स्कूल भेजते वक्त अभिभावकों को लिखकर देना होगा कि बच्चे की सुरक्षा के लिए ‘मैं जिम्मेदार हूं’। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि वो 15 अक्टूबर से नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने के लिए सहमत हैं, लेकिन स्कूल खुलने के बाद अभिभावकों को छात्रों को स्कूल भेजना होगा। स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कराएंगे। कुल मिलाकर 15 अक्टूबर से प्रदेश में स्कूल खुलेंगे या नहीं इसे लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। हालांकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय कह चुके हैं कि छात्रों की सुरक्षा राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा।