देहरादून: अनलॉक-5 शुरू होने के साथ ही उत्तराखंड में पर्यटन संबंधी योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। हवाई सेवाएं रफ्तार पकड़ने लगी हैं। नई हवाई सेवाएं शुरू हो रही हैं। पहाड़ के छोटे कस्बे हेली सेवा से जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश के दो एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से विकसित करने की तैयारी है। ये एयरपोर्ट हैं देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट और ऊधमसिंहनगर जिले का पंतनगर एयरपोर्ट। इन दोनों एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कवायद जारी है। यहां से अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं शुरू करने की योजना है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने के बाद इन दोनों एयरपोर्ट पर बड़े विमानों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण करे बाद यहां से दूसरे देशों के लिए हवाई सेवा शुरू होगी। ये हवाई सेवाएं प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही सामरिक दृष्टि से अहम साबित होगी। इन दोनों एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान एयरपोर्ट के विस्तार और हेली पोर्ट बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई। केंद्रीय सचिव ने बताया कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इससे राज्य को कई फायदे होंगे। नाइट पार्किंग की सुविधा होने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही राजस्व भी बढ़ेगा।
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मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के लिए सरकार ने भूमि की उपलब्धता का सैद्धांतिक निर्णय ले लिया है। शासन की तरफ से सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ताकि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जा सके। सीमांत क्षेत्र होने की वजह से सामरिक दृष्टि से भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करना जरूरी है। केंद्रीय सचिव ने बताया कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। इसके अलावा पंतनगर एयरपोर्ट को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के तौर पर डेवलप करने की तैयारी है। जिसके बाद यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सेवा का संचालन शुरू हो जाएगा। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार ने प्रभावी कार्ययोजना तैयार की है। जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सेवा के संचालन में मदद मिलेगी।