चम्पावत: उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर से बेहद दिल दहला देने वाली घटना सामने आ रही है। महज 9 वर्ष के मासूम बच्चे की जिंदगी का अंत इतना दर्दनाक होगा यह उसके माता-पिता ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। टनकपुर में मात्र चौथी कक्षा में पढ़ने वाले मासूम की सांप के डंसने से मृत्यु हो गई है, जिसके बाद मासूम के परिजनों के बीच में कोहराम मच गया है और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। बताया जा रहा है कि मृतक मासूम दो बहनों का इकलौता भाई था। वहीं क्षेत्रवासियों का कहना है की मृतक बच्चे का परिवार बेहद गरीब तबके का है और मृतक का पिता मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है। अपने बेटे की मृत्यु के बाद से उसके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल हो रखा है। गांव निवासियों ने वन विभाग से पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की है। उधर हादसे के बाद से ही मृतक के गरीब मां-बाप के आंसू थम नहीं रहे हैं। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। आगे पढ़िए
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सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चंपावत जिले के टनकपुर के ज्ञानखेड़ा गांव के निवासी जगदीश सिंह राणा के 9 वर्षीय पुत्र लवी सिंह को बीते शनिवार की रात को एक सांप ने काट लिया। जैसे ही सांप ने बच्चे को काटा, बच्चा चीख-पुकार करने लगा। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर जैसे ही परिजन वहां पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन-फानन में परिजन लवी को लेकर संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे मगर बदकिस्मती से मासूम रास्ते में ही अपना दम तोड़ चुका था, जिस कारण चिकित्सकों ने उस को मृत घोषित कर दिया। अपने 9 वर्ष के मासूम बच्चे की मृत्यु की खबर सुनकर उसके माता-पिता को डॉक्टर की बात पर विश्वास ही नहीं हुआ जिसके बाद वह उसको खटीमा लेकर गए। वहां पर भी बच्चे को मृत बताए जाने के बाद उसके परिजनों की सभी उम्मीदें चकना-चूर हो गईं और वापस अपने मृत बच्चे के शव को अपने घर लेकर लौटे। बता दें कि मृतक लवी महज चौथी कक्षा का छात्र था। अपने 9 वर्ष के लड़के के लिए जिस माता-पिता ने सपने सजाए हुए थे, उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए ख्वाब देखे थे वह टूट चुके हैं। उनके पुत्र की जिंदगी का अंत इतना दर्दनाक होगा यह उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। इस दुखद घटना से लवी के माता-पिता और उसकी दोनों बहनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रखा है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण ग्रामीण वन विभाग से पीड़ित परिवार को यथाशीघ्र मुआवजा देने की मांग भी कर रहे हैं।