उत्तराखंड टिहरी गढ़वालTehri garhwal police officer Juhi manral

ये है गढ़वाल की दिलेर पुलिस अफसर जूही..बीमार, घायल जानवरों के लिए बनी फरिश्ता

जूही मनराल सड़कों पर बीमार और घायल अवस्था में घूमने वाले आवारा जानवरों की सहायता कर रही हैं और इंसानियत की जीती-जागती मिसाल पेश कर रही हैं

Tehri garhwal news: Tehri garhwal police officer Juhi manral
Image: Tehri garhwal police officer Juhi manral (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: प्रत्येक जानवर प्रेम की भाषा समझ ही लेता है, फिर चाहे वो जंगल में रहने वाले खूंखार जानवर हों, हमारे घरों में पल रहे या सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे जानवर हों। जानवर भी उतनी ही करुणा और प्रेम के हकदार हैं जितने की मनुष्य हैं। सड़कों पर घूमते आवारा जानवरों के प्रति प्रेम दिखाने वाले लोग बेहद नेकदिल होते हैं। ऐसे ही नेकदिल लोगों की सूची में उत्तराखंड की ही एक काबिल पुलिस अफसर का नाम शुमार हैं जो सड़कों पर आवारा घूमते जानवरों की मदद करने में जुटी हुई हैं। पुलिस की बात करते ही सबसे पहले कानूनी मदद ही हमारे ख्याल में आता है। मगर टिहरी गढ़वाल के नए टिहरी शहर में पुलिस क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात अफसर जूही मनराल अपनी पुलिस की ड्यूटी तो निभा ही रही हैं मगर उसके साथ ही मानवता की मिसाल पेश करने से नहीं चूक रही हैं। वे सड़क पर बीमार और घायल अवस्था में घूमने वाले आवारा जानवरों की भी सहायता कर रही हैं और यह नेक काम वे पिछले कई वर्षों से नियमित करते आ रही हैं।

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सीओ जूही मनराल का यह नेक दिली काम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर सामने आया है और सड़कों पर जीवन बिताने वाले बेजुबान जानवरों के लिए यह कार्य मरहम साबित हो रहा है। वाकई मन में जीव दया रखना बेहद पुण्य का काम है और नई टिहरी की अफसर जूही इसको बखूबी निभा रही ।हैं बता दे कि जूही मनराल को सड़क पर अगर कोई भी घायल पशु नजर आ जाता है तो वह उसकी मदद करती हैं और पूरा प्रयास करती हैं कि वह जानवर को पूरी तरह से ठीक कर सके। यहां तक कि वह घायल पशु को अपने घर ले आती हैं और पूरी देखभाल के बाद जब पशु ठीक हो जाता है तो उसको वापस छोड़ दिया जाता है। फिलहाल सीओ जूही के घर पर सड़क से उठाकर लाए गए कुल 8 चिड़िया और दो कुत्ते हैं। हर वक्त उनकी गाड़ी में जानवरों के लिए खाना, दवाई इत्यादि मौजूद ही होती है। उनको सड़क पर कोई भी बीमार कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया या गाय इत्यादि घायल अवस्था में मिलते हैं तो वे उनको घर ले आती हैं और उनका ध्यान रखती हैं। यह नेक कार्य अब उनके जीवन का एक अटूट हिस्सा बन चुका है।

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सीओ जूही कई बार बर्ड शॉप्स पर पिंजरे में रखी गईं अस्वस्थ चिड़ियों को अपने साथ घर ले आती हैं। उनका कहना है कि उनके उपचार एवं उनके स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान नहीं दिया जाता था और बर्ड शॉप में पिंजरे में रखीं कई घायल और बीमार चिड़ियों को कोई अपने साथ नहीं ले जाना चाहता। ऐसे में वे उनको अपने घर लाती हैं और घर पर ही उनका इलाज करती हैं। इस काम में उनको बेहद सुकून मिलता है। जनवरी में भी नई टिहरी में भारी बर्फबारी के दौरान सड़कों पर कई जानवर बेघर हो गए थे। बर्फबारी में काफी जानवर घायल भी हो गए थे जिसमें से 4 कुत्तों के पिल्लों को सीओ ने अपने घर पर आसरा दिया था। मौसम सही होने के बाद उनको सड़क पर छोड़ा। सीओ जूही बताती हैं कि सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं की देखभाल के लिए वे भविष्य में अपने साथियों के साथ एक पार्क बनाने की भी तैयारी कर रही हैं जिसमें बीमार पशुओं का उपचार किया जाएगा और उनका ध्यान भी रखा जाएगा। उनके कुछ साथी हैं जिनका उद्देश्य भी उनकी तरह ही स्पष्ट है। वह जानवरों की रक्षा करना चाहते हैं और उनके लिए एक अच्छा माहौल बनाना चाहते हैं। वे अभी अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को इस काम के लिए आगे आना होगा तभी हम जानवरों के लिए एक बेहतर माहौल बना पाएंगे। सीओ जूही मनराल ने बताया कि उनको जानवरों के मदद करने की प्रेरणा उनके पिता से मिली। उनके स्वर्गीय पिता एचजीएस मनराल एक चिकित्सक थे और उनके अंदर सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं के प्रति काफी प्रेम और करुणा थी। ऐसे में उन्हें भी बचपन से ही पशुओं की मदद करने की सीख मिली है। अब वे भी अपने पिता की राह पर चल रही हैं और अपने घर में ही जानवरों की देखभाल कर रही हैं।