उत्तराखंड देहरादूनChildren assault in Buddhist monastery of Dehradun

देहरादून: दया का पाठ पढ़ाने वाले बौद्ध मठ में 47 बच्चों के साथ बेरहमी..7 बच्चे गायब

बौद्ध मठ में पढ़ रहे बच्चों ने खाने की शिकायत की थी। वो दशहरे की छुट्टी मांग रहे थे। आरोप है कि इस पर उन्हें पीटा गया। मारपीट की घटना के बाद 7 बच्चे गायब हैं। आगे जानिए पूरा मामला

Dehradun Buddhist Math: Children assault in Buddhist monastery of Dehradun
Image: Children assault in Buddhist monastery of Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: राजधानी देहरादून में एक बौद्ध मठ में पढ़ने वाले बच्चों संग मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि बौद्ध मठ में 47 बच्चों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई। उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ना दी गई। इससे भी ज्यादा गंभीर बात ये है कि मठ में पढ़ने वाले 7 बच्चे गायब हैं। ये बच्चे कहां गए, इनके साथ क्या हुआ यह कोई नहीं जानता। हैरानी वाली बात ये है कि इस मामले में बौद्ध मठ की तरफ से अब तक पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी गई। मामला राजपुर थाना क्षेत्र का है। जहां एक बौद्ध मठ में पढ़ रहे नेपाली बच्चों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि बच्चों ने दशहरे की छुट्टी मांगी थी, वो घटिया खाने की शिकायत भी कर रहे थे। जिस वजह से उन्हें बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि कुल 47 बच्चे यातना का शिकार हुए। आरोप ये भी है कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए उनके पांव के नाखून तक उखाड़ दिए गए। मारपीट के बाद से मठ में रहने वाले 7 बच्चे गायब हैं। हैरानी की बात ये है कि इतना गंभीर मामला होने के बाद भी मठ की तरफ से पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी गई। बहरहाल मामला संज्ञान में आने के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी खुद मठ पहुंची और वहां पूछताछ की।

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उन्होंने बच्चों के भागने की घटना पर मठ प्रबंधन को जमकर खरी-खोटी सुनाई। बताया जा रहा है कि जिन बच्चों के साथ मारपीट हुई। वो नेपाल के रहने वाले हैं। बच्चों के परिजनों ने नेपाल के मानवाधिकार आयोग से भी मामले की शिकायत की है, साथ ही मदद की गुहार भी लगाई। घटना को लेकर नेपाली समुदाय में भी आक्रोश है। कांग्रेस नेता गोदावरी थापली ने कहा कि वो देहरादून के गोर्खाली समाज के लोगों के साथ मिलकर इन बच्चों को छुड़ाने और बचाने की कोशिश कर रही हैं। इस बारे में नेपाल एंबेसी को सूचना दे दी गई है। जल्द ही पुलिस से भी मामले की शिकायत की जाएगी। पुलिस से बच्चों की सुरक्षा की मांग की जाएगी। देखना है कि इस मामले में आगे क्या होता है।