उत्तराखंड टिहरी गढ़वालDharam Singh on strike in Tehri Garhwal

गढ़वाल: दर्दनाक हादसे में 3 बच्चों की हुई मौत..इंसाफ के लिए पिता ने शुरू किया धरना

ऑल वेदर रोड के निर्माणकार्य के दौरान कंपनी की लापरवाही से अपने बच्चे, भतीजी और अपना घर खो चुके टिहरी के धर्म सिंह प्रशासन के खिलाफ अपने साथ हो रहे अन्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं

Tehri Garhwal News: Dharam Singh on strike in Tehri Garhwal
Image: Dharam Singh on strike in Tehri Garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: नई टिहरी के नरेंद्र नगर क्षेत्र के हिंडोलाखाल में एक ग्रामीण द्वारा न्याय की लड़ाई लड़ी जा रही है। जब प्रशासन ने उनको अनदेखा किया तो उन्होंने आखिरकार इंसान की लड़ाई के लिए वो रास्ता चुना जिसपर चलकर कई लड़ाइयां लड़ी गई हैं। पिछले शनिवार से धरने पर बैठे हुए हैं नई टिहरी के धर्म सिंह और अपने मृत बच्चों और भतीजी के लिए और प्रशासन की लापरवाही के चलते न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। बता दें कि नरेंद्र नगर के पास हिडोलाखाल में ऑल वेदर रोड के दीवार टूट कर उनके घर में गिरने से बीते जुलाई महीने में वहां के ग्रामीण धर्म सिंह के दोनों बच्चों और उनके एक रिश्तेदार की बेटी की मृत्यु हो गई थी। हादसे के 4 महीने के बाद तक उनको मुआवजा नहीं मिला। उन्होंने कई बार प्रशासन और कंपनी से गुहार भी लगाई मगर उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है और जुलाई में दीवार गिरने से उनके पास खुद की छत तक नहीं है। ऐसे में यह जिम्मेदारी प्रशासन और निर्माणदायी कंपनी है कि पीड़ित को उचित मुआवजा मिले। मगर मुआवजा तो छोड़िए पीड़ित की किसी ने सुध भी नहीं ली।

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जब उनको किसी भी तरह की मदद नहीं मिली तो आखिरकार उन्होंने अपने गांव के लोगों के साथ धरने पर बैठने का निर्णय लिया और अब बीते शनिवार से वे धरने पर बैठकर प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 31 जुलाई वह दिन था जिस दिन टिहरी गढ़वाल में ऑल वेदर रोड की दीवार टूटने से एक गंभीर हादसा हो गया था। ऑल वेदर रोड की सुरक्षा दीवार कंपनी की लापरवाही के चलते ग्रामीण धर्मसिंह के घर के ऊपर गिर गई थी जिसमें उनकी बेटी,बेटा और उनकी भतीजी की मृत्यु हो गई थी। हादसे के बाद से ही धर्म सिंह का पूरा परिवार गांव के स्कूल में रह रहा है। धर्म सिंह ने बताया कि अगर उनकी बात प्रशासन ने सुन ली होती तो आज उनके बच्चे और उनकी भतीजी जिंदा होते। बता दें कि वे बरसात के मौसम में कई बार कंपनी के अधिकारियों को यह शिकायत कर चुके थे कि दीवार धंस रही है और उनके मकान के ऊपर दीवार गिरने का खतरा है। मगर कंपनी के अधिकारियों ने उनकी शिकायत को अनसुना किया। इसके बाद कुछ दिनों के बाद हुई तेज बारिश में दीवार टूट कर उनके मकान के ऊपर गिर गई और उनके बच्चों एवं भतीजी की दर्दनाक मृत्यु हो गई।

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उस दर्दनाक हादसे के बाद से ही धर्मसिंह के परिवार को खुद की छत नसीब नहीं हुई है और उनका परिवार गांव के स्कूल में रहने पर मजबूर है। ना ही उनको उनके टूटे हुए मकान का मुआवजा मिला है और ना ही उनको किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद की गई है, जिसके बाद से अब उनका पूरा परिवार एक विद्यालय के अंदर रह रहा है। 4 महीने के बाद भी जब निर्माणदायी कंपनियों ने उनकी आर्थिक मदद नहीं की तो अब वह मजबूरी में अपनी मांग पूरी करने के लिए धरने पर बैठ चुके हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा। उनके साथ धरने पर इस समय गांव के कई ग्रामीण बैठे हैं और धर्म सिंह को न्याय दिलाने के लिए उनकी हक की लड़ाई में शामिल हो रहे हैं। इस धरने के साथ सवाल यह उठता है कि आखिर इन पीड़ितों को क्यों बार-बार अनदेखा किया जा रहा है। नई टिहरी ऐसा पहला जिला नहीं है जहां ऑल्वेदर रोड का निर्माण कर रही कंपनियों के कारण बेकसूरों की जान गई है। इससे पहले भी कई जिलों में ऑल्वेदर रोड के निर्माणकार्य के दौरान हुई लापरवाही के चलते निर्दोष लोगों की जान गई है।