रुद्रप्रयाग: अफसर में अफसरशाही का हाल किसी से छिपा नहीं है। नेता-जनप्रतिनिधि अक्सर शिकायत करते हैं कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं। फोन तक नहीं उठाते। ताजा मामला रुद्रप्रयाग का है। जहां चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाईं ने पर्यटन अधिकारियों को लेकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने अफसरों पर अनदेखी का आरोप भी लगाया। शिवप्रसाद ममगाईं ने कहा कि पर्यटन अधिकारी उनका फोन तक नहीं उठा रहे। पिछले कई महीने से वो अधिकारियों को लगातार फोन कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी उनका फोन रिसीव नहीं करते। पर्यटन अधिकारियों ने जब फोन रिसीव नहीं किया तो सोमवार को दायित्वधारी शिवप्रसाद ममगाईं खुद जिला पर्यटन अधिकारी के कार्यालय पहुंच गए, लेकिन दफ्तर में पर्यटन अधिकारी नहीं मिले। शिवप्रसाद ममगाईं पूरे एक घंटे तक अधिकारी का इंतजार करते रहे, लेकिन वो नहीं आए। जिसके बाद दायित्वधारी शिवप्रसाद ममगाईं ने पंजिका रजिस्टर में पर्यटन अधिकारी की अनुपस्थिति भी लगाई। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग उनके अधीन है, इसके बावजूद रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन अधिकारी उनका फोन नहीं उठाते। वो जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास के लिए जिला पर्यटन अधिकारी से बात करना चाहते थे, लेकिन अधिकारी फोन तक रिसीव नहीं करते। आगे पढ़िए
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पर्यटन विभाग उनके ही अधीन आता है, इसके बावजूद अधिकारी उनके प्रोटोकाल का ध्यान नहीं रख रहे। सोमवार को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाईं रुद्रप्रयाग आए हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि इस दिन तो पर्यटन अधिकारी दफ्तर में मिल ही जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर्यटन अधिकारी ने उनका फोन नहीं उठाया, जिसके बाद शिव प्रसाद ममगाईं खुद अधिकारी के दफ्तर पहुंच गए, लेकिन अफसर दफ्तर से भी गायब मिले। आरोप है कि अफसर ने दायित्वधारी को एक घंटे तक इंतजार कराया, बाद में फोन स्विच ऑफ कर दिया। जिस पर दायित्वधारी शिव प्रसाद ममगाईं ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता की सेवा के लिए हैं, लेकिन कुछ अफसर ये बात समझ नहीं रहे। अधिकारियों को तानाशाह नहीं होने दिया जाएगा। जो अधिकारी बात नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।