उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालChild development building closed in Pauri Garhwal

पौड़ी गढ़वाल में ऐसे होगा बाल विकास? यहां से लोग जाते हैं खाली हाथ..कब होगी कार्रवाई?

कर्मचारियों की गैरमौजूदगी लोगों का मुंह चिढ़ा रही है। जिस कारण लोगों को किसी भी लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।

Pauri Garhwal News: Child development building closed in Pauri Garhwal
Image: Child development building closed in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: प्रखंड रिखणीखाल के बाल विकास कार्यालय कर्मियों की नदारदगी कई सवाल खड़े करती है। विगत तीन सप्ताह से लगातारबंद बाल विकास विभाग का मुख्यालय बयेला तल्ला मेन रोड पर स्थित होने के बावजूद कर्मचारियों की गैरमौजूदगी लोगों का मुंह चिढ़ा रही है। जिस कारण लोगों को किसी भी लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। अंत में गौरा देवी कन्या धन योजना हो या विभाग से मिलने वाली किसी प्रकार की लाभकारी योजना लोगों को इसके लाभों से दूर ही रखा जाता है। यहां तक कि प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण भी नहीं किया जाता। महीनों तक कार्यालय कर्मियों की बदौलत कागजात कार्यालय के नीचे स्थित दुकान में पड़े रहने के बावजूद योजनावधि के समाप्त होने पर लाभ से वंचित लोगों की परेशानी की नियति बन गयी है। इस पर लोगों द्वारा वहां से गुजर रहे सामाजिक कार्यकर्ता दीनबंधु बलोदी,ज्येष्ठ प्रमुख चंद्रभूषण नौगाईं व प्रधान बयेला मल्ला प्रमोद रावत को बताई। तब उनके द्वारा जिलाकार्यक्रम अधिकारी पौड़ी से फोन पर बात हुई।

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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कई बार दूर दराज बीहड़ क्षेत्रों से चक्कर मारने पर लोगों को यहां से बिना काम या जानकारी के वापसी करनी पड़ती है। उनका कहना हैकि शीघ्र ही ऐसे गैर जिम्मेदार कर्मियों को स्थानांतरित कर दिया जाय।गौरतलब है कि प्रखंड की बाल विकास परियोजना पूर्व से ही विवादित रही है और टीएच आर ,केंद्रों की मनमानी तथा कार्यालय की लापरवाही के कारण लोगों का बेरुख होना मजबूरी बन गई है। समाजिक कार्यकर्ता प्रभुपाल सिंह रावत ने जब ग्राम नावेतली सिलगाव आदि के ऑगनबाडी कार्यकत्रियो से फोन पर बातचीत की तो रिखणीखाल मे स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय के बाबू की कुछ शिकायते मालूम पडी।जो कि निम्न है
1- बाबू का बातचीत का व्यवहार कुशल नही है अभद्र भाषा का प्रयोग करते है।
2-जब वे लोग अपने मानदेय के बारे मे पूछते है कि मानदेय कब तक का आया तो उल्टा पुलटा जवाब देते है।
3- एक साल से उन्हे पता ही नही कि मानदेय किस महीने का आया किस महीने का नही आया।
4-टी ए डी ए तो मिलता ही नही है।
5- ऑगनबाडी वालो को डराता है।कोई आगे नही बोलता है सब डरते है।
6- रिखणीखाल मे तो रहता भी नही है दफ्तर बन्द ही मिलता है।