पिथौरागढ़: उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में राज्य का नाम रोशन करने में जुटे हुए हैं। खेलकूद से लेकर शिक्षा तक... हर क्षेत्र में उत्तराखंड के महत्वाकांक्षी युवा अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य का नाम ऊंचा कर रहे हैं। खासकर कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड के प्रतिभाशाली युवाओं ने कई बार समाज के आगे मिसाल पेश की है। आज हम एक ऐसे ही युवक की बात करने वाले हैं जिन्होंने बतौर शोधकर्ता विश्व के टॉप शोधकर्ताओं की रैंकिंग में अपनी जगह बना ली है और राज्य के नाम का परचम बुलंद किया है। मूल रूप से पिथौरागढ़ के निवासी और चंपावत जिले के रहने वाले डॉ. अभिषेक बोहरा ने विश्व के बेहतरीन शोधकर्ताओं की रैंकिंग में अपनी जगह बना ली है। पिथौरागढ़ के अभिषेक बोहरा विश्व के टॉप शोधकर्ताओं में अब शामिल हो चुके हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र बायोलॉजी की अक्टूबर में जारी की गई सूची में अभिषेक बोहरा का नाम प्रकाशित किया गया। इस सूची को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफ़ोर्निया अमेरिका के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है जिसमें विश्व के टॉप शोधकर्ता शुमार हैं। दुनिया के टॉप शोधकर्ताओं की लिस्ट में उत्तराखंड के अभिषेक बोहरा ने भी अपना नाम दर्ज करा लिया है।
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डॉ अभिषेक बोहरा वर्तमान में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। उनको वैज्ञानिक योगदान के लिए 2016 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के यंग साइंटिस्ट मेडल से भी नवाजा जा चुका है। वे अपनी फील्ड में हमेशा से एक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शोधकर्ता रहे हैं। बता दें कि राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के यंग साइंटिस्ट मेडल का पुरस्कार 35 वर्ष से कम आयु के शोधकर्ताओं को विज्ञान के क्षेत्र में उत्कर्ष योगदान के लिए दिया जाता है। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे डॉक्टर अभिषेक बोहरा के अब तक 65 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर पीएचडी तक उत्तराखंड और हैदराबाद से हुई। पाटी से 1998 में हाईस्कूल और 2000 में गवर्नमेंट इंटरमीडिएट स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने 2004 में विवेकानंद गवर्नमेंट कॉलेज से बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की और उसके बाद उन्होंने गोविंद बल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर एवं उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से एमएससी और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनका नाम विश्व के टॉप शोधकर्ताओं में शुमार हो चुका है। वे सभी शोधकर्ताओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन कर सामने आए हैं। उनकी इस उपलब्धि से उनके परिजनों के बीच में खुशी की लहर है।