अल्मोड़ा: गुलदार का खौफ पहाड़ी क्षेत्रों में कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों के पहाड़ी क्षेत्रों से तकरीबन हर दिन गुलदार के हमले की घटना सामने आ रही है। गुलदार हिंसात्मक रूप धर चुके हैं और वे लगातार लोगों के ऊपर हमला कर रहे हैं। पहले केवल जंगलों तक सीमित रहने वाले गुलदार अब खुलेआम गांव में घूम रहे हैं और लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। गुलदार के हमले की ताजी घटना उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत से सामने आई है जहां पर गुलदार ने एक मां और बेटे को अपने हमले से गंभीर रूप से घायल कर दिया है। विकासखंड के जसपुर गांव में गौशाला के अंदर घात लगाए बैठे गुलदार ने एक मां और बेटे के ऊपर झपट्टा मारकर उनको बुरी तरह घायल कर दिया। गुलदार के हमले से दोनों मां-बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
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गांव वालों द्वारा यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि गौशाला में मौजूद मवेशियों को अपना शिकार ना बनाने के कारण गुलदार हिंसक हो गया और उसने गौशाला में मौजूद मां और बेटे के ऊपर हमला कर दिया। घटना के बाद से गांव वालों के बीच में हड़कंप मचा हुआ है और वहां पर सन्नाटा पसर गया है। लोग घरों से बाहर जाने में भी डर रहे हैं। डरे-सहमे ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार से निजात पाने की भी मांग की है। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। घटना अल्मोड़ा जिले के रानीखेत की बताई जा रही है। बीती रात रानीखेत के जसपुर गांव में रघुनंदन जोशी की गौशाला के अंदर एक गुलदार घुस गया। मवेशियों की आवाज सुनते ही गृह स्वामी रघुनंदन जोशी और उनकी मां जीवंती गौशाला की ओर दौड़े और वहां गुलदार को देखते ही उनके होश उड़ गए। गुलदार जब पशुओं के ऊपर हमला ना कर सका तो उन्होंने रघुनंदन जोशी और उनकी मां जीवंती जोशी के ऊपर हमला कर दिया और उनको बुरी तरह से घायल कर दिया।
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मां-बेटे की चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे। मवेशियों के ऊपर हमला न करने से हिंसक हो उठे गुलदार को ग्रामीणों ने किसी तरह शोर मचा कर वहां से भगाया और एक बड़ा हादसा टल गया। आनन-फानन में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर उनका प्राथमिक उपचार कर उनको रेफर कर दिया गया है। बता दें कि जीवंती जोशी के सिर पर और उनके अन्य हिस्सों पर गुलदार ने पंजे से गहरे प्रहार किए हैं। वही उनके बेटे के ऊपर भी गुलदार ने ताबड़तोड़ वार किए हैं। ग्राम प्रधान दिगंबर रावत, मोहित भंडारी समेत गांव के सभी लोगों ने वन विभाग से गांव के अंदर पिंजरा लगाने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। वहीं घटना के बाद से ही जसपुर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है और सभी ग्रामीण बेहद डरे हुए हैं।