उत्तराखंड देहरादूनGarhwal Kumaon Warriors Uttarakhand

गढ़वाल-कुमाऊं वॉरियर्स उत्तराखंड...इस मुहिम से जुड़ रहे हैं पहाड़ के जाने-माने चेहरे..आप भी जुड़ें

इस मुहिम से उत्तराखंड के पहाड़ों की किस्मत जल्द ही बदलेगी और उनके विकास की ओर काम किया जाएगा-

Garhwal Kumaon Warriors Uttarakhand: Garhwal Kumaon Warriors Uttarakhand
Image: Garhwal Kumaon Warriors Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के लोक गायक बीके सामंत एक बार फिर से एक अनोखी पहल की शुरुआत को लेकर सुर्खियों में छा गए हैं। अपने गीतों के माध्यम से पहाड़ों के प्रति अपने प्रेम को शानदार तरीके से दर्शाने वाले और यादगार गीत रचने वाले लोक गायक बीके सामंत ने "गढ़वाल- कुमाऊँ वॉरियर्स उत्तराखंड" नामक एक मुहिम की शुरुआत की है जिसको बड़े-बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों ने भी सराहा है। पहाड़ के सुप्रसिद्ध लोक गायक बीके सामंत की " गढ़वाल-कुमाऊं वॉरियर्स उत्तराखंड" नामक एक सराहनीय मुहिम है जिसका मुख्य उद्देश्य है उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों के अंदर भी राज्य का नाम रोशन कर रहे और अलग-अलग क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर उत्तराखंड को एक अलग मुकाम पर पहुंचा रहे लोगों से जुड़ना और उनके साथ मिलकर राज्य का विकास करना। बीके सामंत ने इस मुहिम की शुरुआत कर दी है और अब उनकी यह मुहिम उत्तराखंड के कुमाऊं में पहुंच गई है। उनकी इस मुहिम से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा, जाने-माने सिंगर जुबिन नौटियाल, रेडियो जॉकी काव्य, जाने-माने नाम राज भट्ट, शूटर जसपाल राणा, कर्नल अजय कोठियाल, बीके राजपूत, दिव्या रावत, ललित जोशी, दिनेश फुलारा, लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी समेत कई प्रतिष्ठित लोग जुड़ चुके हैं।

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" गढ़वाल कुमाऊँ वॉरियर्स उत्तराखंड " मुहिम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के नाम को देशभर में फैलाना और उत्तराखंड में विकास कर उसको एक नई दिशा में अग्रसर करना है। किसी भी राज्य का विकास मात्र प्रचार भर से नहीं होता। जरूरी होता है कि वहां पर लोगों के लिए तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध हों जिनकी कमी ग्रामीण क्षेत्रों में साफ देखने को मिल रही है। बस इसी पर बीके सामंत की इस मुहिम ने पूरा फोकस किया है। इस मुहिम के तहत पहाड़ के गांव का चयन किया जाएगा और उसके बाद उसी गांव का विकास किया जाएगा। पहाड़ के घरों का रखरखाव होगा, खेती को बढ़ावा मिलेगा चिकित्सा, बिजली-पानी की सुविधा पुख्ता की जाएगी। रास्तों और सड़कों की मरम्मत की जाएगी। जिन गांवों तक अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है, उन गांव में भी सड़कें पहुंचाई जाएंगी। इस मुहिम के तहत पलायन जो कि पहाड़ की सबसे बड़ी समस्या है उसके ऊपर भी फोकस किया गया है। लोक गायक बीके सामंत ने बताया कि हम पलायन कर चुके लोगों को उनके गांव से वापस जोड़ेंगे और गांव में उनके परिवार के साथ उनको कम से कम 15 दिनों तक रहने के लिए प्रेरित करेंगे

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हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड के गांवों में भी अब होमस्टे की व्यवस्था की जा रही है। इस बारे में लोगों को जानकारी देंगे और उन को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेंगे। इसके जरिए एक बेहद सराहनीय प्रयास और हो रहा है और वह है ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराना। बता दें कि सरकार ने ग्रामीणों के विकास के लिए और गांव के विकास के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं जिनमें से अधिकतर योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को पता ही नहीं है। ऐसी ही योजनाओं से इस मुहिम के जरिए ग्रामीण रूबरू होंगे और सरकारी योजनाओं का फायदा उठा पाएंगे। वहीं उत्तराखंड में सबसे अहम है शिक्षा, जिस पर जोर दिया जाना चाहिए। बीके सामंत द्वारा शुरू की गई मुहिम के अंदर शिक्षा के ऊपर भी जोर दिया जा रहा है गढ़वाल एवं कुमाऊं के पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा के लिए बच्चों को प्रेरित करेंगे और गांव में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। वही इस मुहिम के अंदर पारंपरिक त्यौहारों को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा और कई सालों से चले आ रहे हैं पहाड़ के तीज त्योहारों को मनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा जिससे उत्तराखंड की संस्कृति और वहां के कल्चर के बारे में लोग जान पाएंगे।