उत्तराखंड देहरादूनVolvo bus service reduced on Dehradun Delhi route

देहरादून से दिल्ली जाने वाले लोग ध्यान दें..रोडवेज ने कम की वॉल्वो बस सेवाएं

वॉल्वो बसों की संख्या में कमी से देहरादून-दिल्ली रूट पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है। रोडवेज प्रबंधन भी यात्रियों की घटती संख्या के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

Dehradun Delhi Route: Volvo bus service reduced on Dehradun Delhi route
Image: Volvo bus service reduced on Dehradun Delhi route (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना महामारी के चलते एक बार फिर मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस का असर परिवहन सेवाओं पर भी पड़ रहा है। सितंबर में बड़ी मुश्किल से ढर्रे पर आई अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं एक बार फिर कोरोना संकट से प्रभावित होने लगी हैं। दिल्ली-उत्तराखंड रूट पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है। सर्दी और दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते यात्रियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इसे देखते हुए रोडवेज ने दिल्ली रूट की पांच वॉल्वो सेवाएं कम कर दी हैं। वॉल्वो बसों की संख्या में कमी से देहरादून-दिल्ली रूट पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है। यात्रियों की घटती संख्या से उत्तराखंड परिवहन निगम भी परेशान है, क्योंकि निगम की आय घटती जा रही है। उत्तराखंड परिवहन निगम पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है, ऐसे में यात्रियों की घटती संख्या ने रोडवेज के अधिकारियों और कर्मचारियों की चिंता और बढ़ा दी है। आपको बता दें कि दिल्ली रूट पर दून का ग्रामीण डिपो सबसे ज्यादा बसों का संचालन करता है। आगे पढ़िए

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ग्रामीण डिपो देहरादून से दिल्ली के बीच रोजाना 20 साधारण और 15 वॉल्वो बसें चलाता है, लेकिन पिछले एक हफ्ते से इस रूट पर यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है। एक बस में सीटिंग क्षमता 32 से ज्यादा है, जबकि बस में औसतन 15 से 20 यात्री सफर कर रहे हैं, जिससे रोडवेज को नुकसान हो रहा है। डीजल का खर्चा तक नहीं निकल पा रहा। इस नुकसान की भरपाई के लिए अब निगम ने बस सेवाओं में कटौती करना शुरू कर दिया है। डीपो के अधिकारियों के मुताबिक एक हफ्ते पहले तक डिपो की रोजाना आय लगभग 25 लाख रुपये तक थी, जो अब घटकर 17 से 18 लाख रुपये हो गई है। नुकसान कम करने के लिए दिल्ली जाने वाली पांच वॉल्वो सेवाएं कम कर दी गई हैं। साधारण बस सेवाओं में कोई कटौती नहीं की गई। खाली बसें भेजने से निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है, इसलिए अब वॉल्वो सेवाएं यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर चलाई जाएंगी।