उत्तराखंड टिहरी गढ़वालNaveen Bhatt of Tehri became an officer in the army

गढ़वाल के मगरौं गांव का बेटा..पिता की मौत के बाद भी नहीं खोया हौसला, सेना में बना अफसर

सेना में अफसर बनने वाले नवीन के पिता स्वर्गीय रतनमणि भट्ट टीएसडीसी में कार्यरत थे। उनके असामायिक निधन के बाद परिवार को तमाम दिक्कतें उठानी पड़ीं, लेकिन नवीन ने खुद को टूटने नहीं दिया।

Tehri Garhwal News: Naveen Bhatt of Tehri became an officer in the army
Image: Naveen Bhatt of Tehri became an officer in the army (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: संघर्ष से सफलता की कहानियां हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। ऐसी ही एक कहानी के हीरो हैं टिहरी गढ़वाल के रहने वाले नवीन भट्ट। टिहरी के मगरौं गांव के रहने वाले नवीन भट्ट शनिवार को आईएमए देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने के बाद सेना में अफसर बन गए। नवीन का परिवार करीब आठ साल पहले दून शिफ्ट हो गया था। नवीन के पिता स्वर्गीय रतनमणि भट्ट टीएसडीसी में कार्यरत थे। उनके असामायिक निधन के बाद परिवार को तमाम दिक्कतें उठानी पड़ीं। पढ़ाई से लेकर हर स्तर पर संघर्ष करना पड़ा, लेकिन नवीन ने खुद को टूटने नहीं दिया। उन्हें परिवार का भी खूब साथ मिला। नवीन में हर पहाड़ी की तरह सेना में अफसर बनने का जुनून था। इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत भी की। आगे भी पढ़िए

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उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई विन फील्ड एकेडमी से की। बाद में संत कबीर एकेडमी, हर्रावाला से इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद नवीन कंपटीशन की तैयारी करने लगे। सेना में अफसर बनने के लिए दिन-रात पढ़ाई की। इस पढ़ाई का सफल नतीजा रहा और शनिवार को अंतिम पग पार कर नवीन बतौर अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। कुछ इसी तरह की कहानी हरिद्वार के रहने वाले रचित सैनी की भी है। उनका परिवार मूलरूप से खेती करता है। पिता प्रवीन कुमार सैनी किसान हैं। बेटे की उपलब्धि ने उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। प्रवीन कुमार कहते हैं कि खेत में किसान और सीमा पर जवान...दोनों ही संघर्ष का जीवन जीते हैं। रचित की बहन साक्षी सैनी भी सेना में डॉक्टर हैं। राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से इन होनहारों को बधाई