उत्तराखंड अल्मोड़ाTea factories will be set up in Uttarakhand

उत्तराखंड 3 जगह लगेंगी चाय की फैक्ट्री..हजारों से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार

उत्तराखंड में जगह-जगह चाय बागान विकसित होने लगे हैं। यहां पैदा होने वाली चाय की उत्तराखंड-टी के नाम से ब्रांडिग की जा रही है। अब सरकार चाय बागानों के साथ ही टी-टूरिज्म पर भी फोकस कर रही है।

Uttarakhand Tea: Tea factories will be set up in Uttarakhand
Image: Tea factories will be set up in Uttarakhand (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: एक वक्त था जब चाय सिर्फ एक ही तरीके से बनाई जाती थी, लेकिन आज के समय में चाय की कई अलग-अलग वैरायटी मौजूद हैं। बात करें उत्तराखंड की तो यहां चाय के बिना दिन की शुरुआत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उत्तराखंड में अब जगह-जगह चाय बागान विकसित होने लगे हैं। यहां पैदा होने वाली चाय की उत्तराखंड-टी के नाम से ब्रांडिग की जा रही है। अब सरकार चाय बागानों के साथ ही टी-टूरिज्म पर भी फोकस कर रही है। हाल में उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलख्वाल की पहल पर प्रदेश में नई चाय फैक्ट्री खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली, जो कि प्रदेश के चाय बागानों को टी-टूरिज्म से जोड़ने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। यूटीडीबी के उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलख्वाल ने प्रदेश में चार नए चाय कारखाने खोलने का सुझाव दिया था। हाल में संपन्न हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इनमें से तीन चाय कारखाने अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत में लगेंगे। जिससे एक हजार से ज्यादा स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार से जुड़ने का अवसर मिलेगा। आगे पढ़िए

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद चाय बागानों को टी-टूरिज्म से जोड़कर ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत करने की कवायद तेज हो गई है। कुमाऊं क्षेत्र में चाय कारखाने कहां खुलेंगे, ये भी बताते हैं। अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लॉक के गरुड़ाबांज, पिथौरागढ़ के डीडीहाट और चंपावत में नई फैक्ट्री स्थापित की जाएंगी। यूटीडीबी उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलखवाल ने कहा कि चाय फैक्ट्री खुलने से एक हजार से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा, जबकि दूसरे ग्रामीण भी अप्रत्यक्ष रूप से फैक्ट्री से जुड़कर रोजगार हासिल कर सकेंगे। अगले चरण में नैनीताल पर फोकस किया जाएगा। यहां रातीघाट क्षेत्र में चाय बागान विकसित करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री प्रदेश के किसानों की आर्थिकी सुधारने और चाय बागानों को पर्यटन से जोड़ने को लेकर गंभीर हैं। टी-टूरिज्म को बढ़ावा देकर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे।