देहरादून: अगर आप भी उत्तराखंड में प्लॉट लेने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। अब अलर्ट हो जाएं क्योंकि ग्राहकों के साथ अब उत्तराखंड में भेदभाव नहीं होगा। ग्राहकों के साथ चीटिंग करने वाले बिल्डरों की अब खैर नहीं। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने एक बिल्डर द्वारा इस प्रोजेक्ट को अलग-अलग दर से प्लॉट बेचे जाने को लेकर बिल्डर को गलत करार देते हुए उसको अतिरिक्त रकम लौटाने के आदेश दिए हैं और रेरा ने इसको ग्राहकों के साथ भेदभाव भी बताया है। दरअसल हरिद्वार के निवासी संजीव कुमार ने हाल ही में ब्रेजन एरो कंपनी के निदेशक हिमांशु गोयल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि बीते नवंबर 2016 में उन्होंने कंपनी के हैप्पी होम्स सलेमपुर महदूद प्रोजेक्ट में 1035 वर्ग फीट का एक प्लॉट खरीदा था और इस प्लॉट के लिए उन्होंने कोई 21 लाख 9 हजार का भुगतान किया था।
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वहीं दूसरे अन्य ग्राहक को उसी प्रोजेक्ट के तहत उसी साइट का प्लॉट महज 12 लाख 62 हजार में बेच दिया गया। जिसके बाद संजीव कुमार ने बिल्डर के खिलाफ रेरा में कंप्लेंट की। रेरा में बहस के दौरान बिल्डर ने यह दावा किया कि उसको ग्राहक के साथ मोलभाव करने का पूरा अधिकार है वहीं रेरा ने बिल्डर को गलत करार देते हुए ग्राहक के साथ चीटिंग बताई है और बिल्डर को ग्राहक ही हक के पैसे वापस देने की बात कही है। बिल्डर को कुल 45 दिनों में कुल 8,48,950 वापस करने हैं। वहीं बिल्डर ने रजिस्ट्री के 3 साल के बाद तक भी कब्जा नहीं दिया था जिस पर रहने बिल्डर को ग्राहक द्वारा चुकाई गई रकम पर 9.3% की दर से जुर्माना देने को कहा है।
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उत्तराखंड में बिल्डर्स की बढ़ती दादागिरी को देखते हुए और ग्राहकों के साथ लगातार हो रही चीटिंग को देखते हुए यह स्टेप जरूरी था। वहीं जब इस पूरे मामले की गहराई से जांच हुई तब यह भी तथ्य सामने आए कि बिल्डर ने इस प्रोजेक्ट में और भी अन्य धोखेबाजी की है, जिसके बाद बिल्डर के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश दे दिए हैं। दरअसल आरोपी बिल्डर ने इस प्रोजेक्ट में अस्पताल के लिए आरक्षित दो प्लॉट भी अपने रिश्तेदारों को भेज दिए थे। जिसके बाद रेरा में बिल्डर के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। अथॉरिटी ने दोनों खरीदारों से शपथ पत्र देने को भी कहा है कि वह प्लॉट पर सिर्फ सार्वजनिक श्रेणी का ही निर्माण करेंगे।