उत्तराखंड देहरादूनAsia second largest dam to be built in Uttarakhand

उत्तराखंड में बनेगा एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध..6 राज्यों के बीच होगा एग्रीमेंट

उत्तराखंड में स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी बांध परियोजना किशाऊ डैम के लिए 1 दशक के बाद जल्द ही नए सिरे से सर्वेक्षण किया जाएगा।

Uttarakhand Kishau Dam: Asia second largest dam to be built in Uttarakhand
Image: Asia second largest dam to be built in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। अब उत्तराखंड राज्य में ही एशिया के 2 सबसे बड़े डैम जल्द ही देखने को मिलेंगे। टिहरी बांध के बाद अब एशिया के अंदर दूसरी सबसे बड़ी बांध परियोजना किशाऊ के लिए जल्द ही सर्वेक्षण किया जाएगा। जी हां, यह बांध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध होगा और इसमें 6 राज्यों के बीच में एग्रीमेंट भी किया जाएगा। इस बांध से लाभान्वित होने वाले उत्तराखंड सहित छह राज्यों के बीच में एग्रीमेंट किया जाएगा। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड इस सर्वेक्षण के आधार पर संशोधित डीपीआर तैयार करेगा। यह डैम उत्तराखंड की टौंस नदी के ऊपर बनाया जाएगा। 1 दशक से भी लंबे समय के बाद इस परियोजना पर सोच विचार किया जा रहा है। किशाऊ बांध परियोजना को वर्ष 2008 में ही राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे दिया गया था। यह डैम उत्तराखंड के देहरादून की टौंस नदी और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के बीच तैयार होने की परियोजना है। वर्ष 2008 में इस परियोजना के लिए डीपीआर ( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट ) भी तैयार कर दी गई थी। मगर बात आगे ज्यादा बढ़ नहीं पाई। तकरीबन एक दशक से भी अधिक समय बीत जाने के बाद पिछले साल सितंबर को दूसरे बोर्ड बैठक और 24 नवंबर को भी कमेटी की बैठक के बाद यह तय किया गया कि 2008 में बने किशाऊ बांध परियोजना के डीपीआर में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: SHO ने बेगुनाह को धमकाया..SSP तृप्ति भट्ट ने किया सस्पेंड
इस संशोधन से पहले नए सिरे से हाइड्रोलॉजिकल डाटा सर्वेक्षण, अतिरिक्त सर्वेक्षण, विस्तृत जियोटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन, प्रोजेक्ट के संशोधित खर्च के हिसाब से संशोधित स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस संशोधित डीपीआर में इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 11 हजार करोड़ से बढ़कर 15 हजार करोड़ तक हो सकती है। किशाऊ बांध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध होगा। उत्तराखंड जिले में एशिया के 2 सबसे बड़े बांध होना बेहद गर्व की बात है। उत्तराखंड में ही टिहरी डैम स्थित है जिसकी ऊंचाई 260 मीटर है जो कि एशिया का सबसे बड़ा डैम है। किशाऊ बांध दो राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर बन रहा है और यह बांध उत्तराखंड मुख्य नदी टोन्स नदी पर बनेगा जो कि आगे यमुना नदी में मिल जाती है। इस बांध के लिए उत्तराखंड समेत 6 राज्यों का एग्रीमेंट भी लिया जाना है। वह राज्य हैं हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड। इस बांध के बनने से इन राज्यों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इन सब में सबसे ज्यादा फायदा राजधानी दिल्ली को मिलेगा और वहां पानी की आपूर्ति को पूरा किया जा सकेगा। किशाऊ बांध की ऊंचाई 236 मीटर होगी और यह 680 मीटर लंबा होगा।आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - देहरादून में STF ने मारी बड़ी रेड, कॉल सेंटर का हुआ भंडाफोड़..करोड़ों की ट्रांजेक्शन मिली
इसमें तकरीबन 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के एमडी संदीप सिंघल का कहना है कि किशाऊ बांध परियोजना के लिए संशोधित डीपीआर तैयार किया जा रहा है और इसके लिए ताजा सर्वेक्षण कराया जाएगा। इस सर्वेक्षण के बाद सभी खर्चों को समाहित करते हुए डीपीआर तैयार की जाएगी और सभी छह राज्यों के बीच अग्रीमेंट होना है। एग्रीमेंट होने के बाद इस डैम का कंस्ट्रक्शन शुरू हो पाएगा। इस परियोजना से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के तकरीबन 81,300 पेड़, 171 पक्के मकान, 631 लकड़ी से बने मकान समेत आठ मंदिर, दो अस्पताल साथ प्राइमरी स्कूल 2 मॉडल स्कूल और इंटर कॉलेज जलमग्न हो जाएंगे। स्टार्चिक की लागत तकरीबन पचास हजार करोड़ तक बताई जा रही है इस डैम में सबसे अधिक पैसा हरियाणा सरकार लगाएगी। हरियाणा सरकार की ओर से 478.85 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 298.76 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उत्तराखंड 38.19 करोड़ रुपए देगा। राजस्थान सरकार 93.51 करोड़ रुपए देगी। दिल्ली 60.50 और हिमाचल प्रदेश 31.58 करोड रुपए देगा। टौंस नदी के ऊपर बनने वाले इस डैम के बाद इन सभी राज्यों के कृषकों को सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त आपूर्ति की जाएगी।