उत्तराखंड चमोलीBro made lapsa village wi fi

उत्तराखंड में BRO का जबरदस्त काम..चीन सीमा से सटे गांव को बना दिया Wi-fi

बीआरओ की पहल से अब चीन सीमा के नजदीक स्थित लास्पा का गांव भी वाईफाई से जुड़ चुका है। यह पहली बार है कि उत्तराखंड में कोई उच्च हिमालयी क्षेत्र वाईफाई से जुड़ा है।

Chamoli news: Bro made lapsa village wi fi
Image: Bro made lapsa village wi fi (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड से एक बेहद शानदार खबर सामने आई है। कड़ाके की ठंड में भी उत्तराखंड में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसके बाद सब उनके हौसले और हिम्मत को सलाम कर रहे हैं। सीमा सड़क संगठन की पहल ने यह साबित कर दिया है कि अगर सच में कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। अब बीआरओ की पहल से संचार सेवा से चीन सीमा के नजदीक स्थित लास्पा का गांव भी वाईफाई से जुड़ चुका है। जी हां, यह पहली बार है कि उत्तराखंड में कोई उच्च हिमालयी क्षेत्र वाईफाई से जुड़ा है। माइनस 11 डिग्री तापमान पर बीआरओ वर्तमान में मुनस्यारी-मिलम सड़क बना रहा है। इसी बीच लास्पा बीआरओ ने सीमावर्ती गांव तक संचार नेटवर्क स्थापित कर अपनी काबिलियत का शानदार प्रदर्शन किया है जिसके बाद से बीआरओ कई लोगों से प्रशंसा बटोर रहा है।

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लास्पा गांव पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से तकरीबन 56 किलोमीटर दूर है। यह चीन सीमा के नजदीक है जहां पर बीआरओ ने अपना कैंप स्थापित किया है। यहां पर सड़क निर्माण के साथ साथ वाईफाई की सेवा भी शुरू कर दी गई है, और यह पहली बार है कि सीमांत जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में वाईफाई की सेवा शुरू हो पाई है। बीआरओ की इस पहल की सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं। वाईफाई के लगने से वहां पर मजदूरों समेत बीआरओ के अधिकारियों और 150 से भी अधिक लोगों को बड़ा लाभ मिल रहा है। किसी ने यह भी नहीं सोचा था कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में और वह भी एक ऐसा क्षेत्र जो कि सुख-,सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है वहां पर वाईफाई लग पाएगा। सभी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच में अब वहां के लोग वीडियो कॉलिंग करके अपने परिजनों के साथ संपर्क कर रहे हैं।

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उच्च हिमालय क्षेत्र और विषम भौगोलिक परिस्थितियों में पहली बार वाईफाई सेवा शुरू करने के लिए बीआरओ की यह शानदार पहल बेहद सराहनीय है। वाईफाई के लगने से सेना के जवानों को भी काफी लाभ मिलेगा। अपने परिजनों से दूर सेना के जवान अब अपने परिवार से वीडियो कॉल कर सकेंगे। चीन सीमा की चौकसी में तैनात रेल कोट चौकी के जवान भी इस वाईफाई का सीधा लाभ ले सकते हैं। वहीं बर्फबारी के बाद जब गर्मी का मौसम आता है तो 200 से भी अधिक ग्रामीण गांव में माइग्रेशन कर यहां पहुंचते हैं। वे लोग भी वाईफाई सेवा के जरिए देश दुनिया से जुड़ सकेंगे। कुल मिलाकर उत्तराखंड के उच्च हिमालय क्षेत्र में वहां के निवासियों को वाईफाई के जरिए इंटरनेट की सुविधा देकर बीआरओ ने काबिलियत का डंका बजा कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है।