उत्तराखंड रुद्रप्रयागDhari Devi Kalimath Yatra

केदारघाटी की देवयात्रा पर निकली मां धारी देवी, कालीमठ में भक्तों को दिया आशीर्वाद

कालीमठ पहुंचने पर स्थानीय लोगों, व्यापारियों और तीर्थपुरोहितों ने डोली का भव्य स्वागत किया। डोली यात्रा 27 फरवरी को धारी मां मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी।

Kedarghati: Dhari Devi Kalimath Yatra
Image: Dhari Devi Kalimath Yatra (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में मां धारी देवी की डोली यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को मां धारी देवी की देव डोली प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालीमठ पहुंची। जहां श्रद्धालुओं ने मां धारी के दर्शन कर, उनका आशीर्वाद लिया। केदारघाटी में अलग-अलग जगहों पर श्रद्धालुओं ने डोली के दर्शन किए। रास्ते में बड़ी संख्या में लोगों ने मां धारी से आशीर्वाद लिया। कालीमठ पहुंचने पर स्थानीय लोगों, व्यापारियों और तीर्थपुरोहितों ने डोली का भव्य स्वागत किया। डोली यात्रा 27 फरवरी को धारी मां मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी। इससे पूर्व डोली कुंभ स्नान भी करेगी। डोली यात्रा का शुभारंभ 7 फरवरी को हुआ। हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता श्री मंगला माता ने डोली यात्रा की शुरूआत की। दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्त और समाजसेवी संजय शर्मा दरमोड़ा द्वारा ये पहल की गई है

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डोली यात्रा की अगुवाई दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा द्वारा की जा रही है। क्षेत्र में भक्तों से मिलने पहुंची मां धारी देवी की डोली प्रथम प्रवास के लिए त्रियुगीनारायण पहुंची। त्रियुगीनारायण वही पौराणिक सिद्धपीठ है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। मंदिर की तीन परिक्रमा पूर्ण करके मां धारी की स्थानीय भक्तों द्वारा आरती उतारी गई। बाद में विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए मां धारी देवी की डोली रात्रि प्रवास के लिए प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालीमठ पहुंची। यहां ब्रह्ममुहूर्त में ब्राह्मण समाज ने डोली की पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही वाहन में डोली को सुरक्षित रखकर अग्रिम पड़ाव की यात्रा पर भेजा गया। मां धारी देवी की डोली जहां-जहां से गुजरी, श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते नजर आए।

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इस दौरान धारी देवी की डोली को कंधे पर उठाकर विश्वनाथ मंदिर लाया गया, जहां पर मंदिर की परिक्रमा पूर्ण करके डोली ने अपने अग्रिम पड़ाव कालीमठ की ओर प्रस्थान किया। डोली की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा दरमोड़ा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक तीन वर्ष बाद धारी मां अपनी देवरा यात्रा पर निकलती हैं। इस बार उन्होंने समिति के पदाधिकारियों से विमर्श करके केदारघाटी के लिये देवरा यात्रा की स्वीकृति मांगी है। हरिद्वार में कुंभ स्नान करके 27 फरवरी को डोली धारी मां मंदिर पहुंचेगी। उत्तराखंड के धारी गांव में मां धारी का भव्य मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भयंकर त्रासदी के दौरान दक्षिण काली की मूर्ति पानी के साथ बहकर धारी गांव में आई थी। बाद में ग्रामीणों ने इसी जगह पर मूर्ति की स्थापना कर के भव्य मंदिर का निर्माण कराया। धारी मां को उत्तराखंड की रक्षक देवी भी माना जाता है।