उत्तराखंड देहरादूनKoo App: Is it the Indian alternative to Twitter

ट्विटर को टक्कर दे रही मेड इन इंडिया ऐप्प koo.. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी बनाया अकाउंट

ट्विटर को टक्कर देने के लिए भारत में कू ऐप लांच हो चुका है। इस ऐप में ट्विटर जैसी सुविधाएं हैं। तमाम बड़ी हस्तियां ट्विटर छोड़कर कू ऐप से जुड़ चुकी हैं।. Is Koo App the Indian alternative to Twitter ?

Piyush Goyal on Koo App: Koo App: Is it the Indian alternative to Twitter
Image: Koo App: Is it the Indian alternative to Twitter (Source: Social Media)

देहरादून: भारत में चीनी ऐप्स को बंद करने का सिलसिला जारी है। अब तक कई ऐप बंद हो चुके हैं, इसी के साथ बैन हो रहे ऐप जैसे भारतीय वर्जन भी बाजार में आने शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में ट्विटर को टक्कर देने के लिए भारत में कू ऐप लांच हो चुका है। इस ऐप में ट्विटर जैसी सुविधाएं हैं। तमाम बड़ी हस्तियां ट्विटर छोड़कर कू ऐप से जुड़ चुकी हैं। इस लिस्ट में अगला नाम केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कू ऐप पर अपना अकाउंट बना लिया है। गोयल के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी कू ऐप का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। चलिए अब आपको कू ऐप की खास बातें बताते हैं। Koo एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है, जिसे ट्विटर की टक्कर में पेश किया गया है। ये हिंदी और अंग्रेजी समेत आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। कू में शब्दों की सीमा 350 है। तमाम बड़ी हस्तियां ट्विटर छोड़कर कू पर क्यों आ रही हैं, इसकी वजह भी बताते हैं। दरअसल पिछले कई दिनों से ट्विटर और भारत सरकार के बीच टकराव चल रहा है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में नजर आया ये दुर्लभ पक्षी.. दुनिया भर के वैज्ञानिकों में खुशी की लहर
सरकार की ओर से ट्विटर को पाकिस्तान और खालिस्तान के कथित समर्थकों के 1,178 अकाउंट बंद करने का आदेश दिया गया था। पिछले सप्ताह ही सरकार ने ट्विटर से नियमों को तोड़ने को लेकर जवाब मांगा था। इस बीच ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (इंडिया एवं साउथ एशिया) महिमा कौल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सरकार और ट्विटर के बीच जारी तनातनी के दौरान कू ऐप ने एंट्री मारी। ये ऐप ट्विटर से काफी मिलता जुलता है। भारत में अभी भी ज्यादातर लोग अंग्रेजी के बजाए अपनी भाषा में बात करना पसंद करते हैं। ऐसे में Koo App जैसा प्लेटफॉर्म काफी महत्वपूर्ण हो सकता है, यहां लोग अपनी भाषा में दूसरों से चैट कर पाएंगे। बता दें कि कू ने आत्मनिर्भर भारत एप्लीकेशन चैलेंज में भी हिस्सा लिया था। Koo ऐप की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में भी कर चुके हैं।