उत्तराखंड पिथौरागढ़Leopard hunt in Kanalichina

पहाड़ में आदमखोर गुलदार का खात्मा..सिरोली और बजेत गांव में दो महिलाओँ को मारा था

कनालीछीना के बजेत और सिरोली गांव में दो महिलाओं को मारने वाले गुलदार का खात्मा हो गया। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में एक से ज्यादा गुलदार सक्रिय हैं।

Kanalichina Leopard: Leopard hunt in Kanalichina
Image: Leopard hunt in Kanalichina (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में आतंक का एक अध्याय खत्म हो गया। यहां कनालीछीना विकासखंड में दो महिलाओं को मारने वाले गुलदार को शिकारी राजीव सोलोमन ने मार गिराया। गुलदार के खात्मे के साथ ही लोगों का डर भी खत्म हो गया है। अब वो बिना डरे घरों से बाहर निकल सकेंगे। रोजमर्रा के काम कर सकेंगे। कनालीछीना के लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं। आपको बता दें कि 12 दिन पहले कनालीछीना के बजेत गांव में गुलदार ने एक महिला को मार डाला था। तब से क्षेत्र के लोग डरे हुए थे। इस घटना को अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ था कि सिरोली गांव की रहने वाली एक महिला भी गुलदार का निवाला बन गई। ग्रामीणों की मांग पर गुलदार के खात्मे के निर्देश दिए गए थे। सोमवार शाम वन विभाग की टीम को उनपानी क्षेत्र में गुलदार के दिखाई देने की सूचना मिली। जिसके बाद मुरादाबाद के शिकारी राजीव सोलोमन, शिकारी नदीम और वन विभाग के सलमान खान और बलदेव गोस्वामी मौके पर पहुंचे।

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टीम के पास मचान बनाने का वक्त नहीं था। इसलिए शिकारियों ने खुले खेतों में ही मोर्चा संभाल लिया। कई घंटों बाद गांव में जल रहे बिजली के बल्बों की रोशनी में गुलदार खेतों से गांव की तरफ आता दिखाई दिया। तभी शिकारी सोलोमन ने तत्काल निशाना साधते हुए आदमखोर को ढेर कर दिया। वन विभाग ने पोस्टमार्टम करने के बाद तेंदुए के शव को दफना दिया है। आपको बता दें कि जिले में पिछले छह महीनों में 5 आदमखोर गुलदार मारे जा चुके हैं। पिथौरागढ़ में दो, बेरीनाग, देवलथल और कनालीछीना में एक-एक आदमखोर गुलदार को चार शिकारी अपनी गोली का निशाना बना चुके हैं। हालांकि लोग अब भी दहशत के साये में जी रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में एक से ज्यादा गुलदार सक्रिय हैं। स्थानीय निवासी वन विभाग से लाइसेंसधारी ग्रामीणों को गुलदार को मारने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं।