उत्तराखंड हरिद्वारSaint Digambar Diwakar Haridwar Mahakumbh

हरिद्वार महाकुंभ: 4 साल से कठोर तप में लीन हैं संत दिगंबर दिवाकर..सिर्फ फलाहार पर जिंदा हैं

साढ़े चार साल से उर्द बाहु (बाएं हाथ) को ऊपर कर तपस्या में लीन रहने वाले संत दिगंबर दिवाकर भारती का कठोर तप देख हर कोई हैरान है। वो पिछले 6 साल से फलाहार पर हैं।

Haridwar Mahakumbh 2021: Saint Digambar Diwakar Haridwar Mahakumbh
Image: Saint Digambar Diwakar Haridwar Mahakumbh (Source: Social Media)

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में महाकुंभ का आगाज होने के साथ अब पेशवाइयों की तैयारियां हो रही हैं। बुधवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की भव्य पेशवाई निकाली गई, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद हरिद्वार में मौजूद रहे। उन्होंने संतों से मुलाकात की। महाकुंभ में पुण्य प्राप्त करने के लिए देश-विदेश के संत हरिद्वार पहुंचे हुए हैं। इनमें कई संत ऐसे हैं, जिनका कठोर तप देखकर हर किसी का सिर श्रद्धा से झुक जाता है। साढ़े चार साल से उर्द बाहु (बाएं हाथ) को ऊपर कर तपस्या में लीन रहने वाले संत दिगंबर दिवाकर भारती ऐसे ही संत हैं। जिनका कठोर तप देख हर कोई हैरान है। महाकुंभ में आए संत दिगंबर दिवाकर भारती कहते हैं कि उनकी ये तपस्या आजीवन जारी रहेगी। दिगंबर दिवाकर भारती एसएमजेएन कॉलेज में बनी श्री निरंजनी अखाड़े की अस्थायी छावनी में ठहरे हुए हैं। उन्होंने हिमालय में अलग-अलग स्थानों पर तपस्या की है। बाबा उत्तराखंड के नैनीताल और पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भी तपस्या कर चुके हैं। पिछले एक साल से वो औरंगाबाद में तपस्यारत हैं। आगे पढ़िए

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अपने कठोर तप को लेकर बाबा दिगंबर दिवाकर भारती कहते हैं कि भगवान की इच्छा होने पर ही मनुष्य अपने शरीर पर नियंत्रण कर सकता है। भगवान से लगाव ही मनुष्य का सबसे बड़ा कर्म है। संत दिगंबर दिवाकर भारती पिछले छह साल से फलाहार पर हैं। इससे पहले वो प्रयागराज कुंभ में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं। बाबा 11 मार्च को होने वाले महाशिवरात्रि के शाही स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं। हरिद्वार में महाकुंभ के आगाज के साथ ही अगले तीन दिन पांच संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई का उल्लास रहेगा। आज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई निकलने के साथ ही कुंभ के भव्य स्वरूप के दर्शन हुए। पेशवाई शुरू होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेशवाई के लिए मौजूद सभी संत-महात्माओं को फूल माला पहना कर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर व्यवस्था बनाई गई है। संतों के सानिध्य में कुंभ दिव्य और भव्य रूप से सफल होगा।