उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालPradeep Rawat of Nainidanda passes UGC NET exam

गढ़वाल: नैनीडांडा के बेटे प्रदीप को बधाई, UGC-NET में पाई ऑल इंडिया 52वीं रैंक

आज हम प्रदीप की सफलता देख रहे हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। जानिए प्रदीप के संघर्ष के बारे में..

Pradeep Rawat Nainidanda: Pradeep Rawat of Nainidanda passes UGC NET exam
Image: Pradeep Rawat of Nainidanda passes UGC NET exam (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: किसी ने सच ही कहा है, संघर्ष जितना कठिन हो जीत उतनी ही शानदार होगी। अब पौड़ी गढ़वाल के प्रदीप रावत को ही देख लें। इन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ा, लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद प्रदीप हारे नहीं, खुद को टूटने नहीं दिया। आज पहाड़ का ये होनहार युवा सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा में केमिकल साइंस विषय में ऑल इंडिया लेवल पर 52वीं रैंक हासिल करने में सफल रहा है। प्रदीप आईआईटी में एडमिशन लेकर पीएचडी करना चाहते हैं। ताकि उनके नाम के आगे भी ‘डॉक्टर’ लिखा जाए। प्रदीप कहते हैं कि यही उनका सपना है, ऐसा होता है तो वो अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य होंगे, जिसके नाम के आगे ‘डॉक्टर’ लिखा होगा।

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आज हम प्रदीप की सफलता देख रहे हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। प्रदीप रावत मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के नैनीडांडा क्षेत्र के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार गाजियाबाद में रहता है। प्रदीप ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई गोल्डन पब्लिक स्कूल से की। इंटर के लिए उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर में एडमिशन लिया। बचपन से ही होनहार रहे प्रदीप ने बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी किया। प्रदीप केमेस्ट्री प्रोफेसर बनना चाहते हैं। प्रदीप बताते हैं कि हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान एक बार मैं अपने साथियों को पढ़ा रहा था, तब उन्होंने मुझे प्रोफेसर कहकर बुलाया। यही वो पल था, जब मैंने प्रोफेसर बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की ठान ली। सब ठीक चल रहा था, लेकिन जब मैं ग्यारहवीं में पहुंचा तो मेरे पिता जिस कंपनी में काम करते थे, वो कंपनी बंद हो गई। इस तरह मेरे पिता के पास नौकरी नहीं रही। घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी।

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परिवार की स्थिति संभालने के लिए प्रदीप भी हर संभव कोशिश करने लगे, साथ ही पढ़ाई भी जारी रखी। प्रदीप को एआईईईई में भी अच्छी रैंक मिली थी, लेकिन इंजीनियरिंग करने के लिए पैसे की कमी के चलते वो कॉलेज में एडमिशन नहीं ले सके। मास्टर्स की शिक्षा के लिए उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर में एडमिशन लिया। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने नोएडा में पीजीटी शिक्षक के तौर पर काम किया। कोचिंग सेंटर का संचालन भी किया, लेकिन पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तो सब कुछ थम गया। इस दौरान प्रदीप ने केमेस्ट्री में पीएचडी के लिए भारत के बेस्ट कॉलेजों में एडमिशन पाने की तैयारी की। हर दिन दस-दस घंटे पढ़ते रहे और आखिरकार सीएसआईआर नेट परीक्षा पास करने में सफल रहे। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से प्रदीप रावत को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं। आप भी बधाई देकर उनका हौसला बढ़ाएं।