उत्तराखंड उत्तरकाशीUttarkashi Manpur Village HONEY Village

ये है उत्तराखंड का HONEY विलेज..यहां शहद उत्पादन से लोग कर रहे हैं शानदार कमाई

शहद की बिक्री से गांव वालों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। इन्हें देख आस-पास के गांवों के लोग भी मौन पालन के लिए आगे आ रहे हैं।

Honey Village Manpur Village: Uttarkashi Manpur Village HONEY Village
Image: Uttarkashi Manpur Village HONEY Village (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: परिश्रम सही दिशा में हो तो मिट्टी से मोती उगाए जा सकते हैं। इस बात को सच होते देखना है तो उत्तरकाशी चले आइए, जहां पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होता नजर आता है। जिले में एक गांव है मानपुर, जो कि इन दिनों शहद की खेती के लिए चर्चा में बना हुआ है। ये गांव प्रदेश का हनी गांव बनने की ओर अग्रसर है। उत्तरकाशी स्थित इस गांव के लोग पारंपरिक खेती के अलावा मौन पालन भी कर रहे हैं। शहद की बिक्री से गांव वालों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। इन्हें देख आस-पास के गांवों के लोग भी मौन पालन के लिए आगे आ रहे हैं। मानपुर गांव में 261 परिवार रहते हैं, जिनमें से 92 परिवार मौन पालन से जुड़ चुके हैं। डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के अधिकारी ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने में जुटे हैं, ताकि वो मौन पालन के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें। मानपुर गांव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां मौन पालन के लिए आदर्श स्थितियां हैं। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की तरफ से यहां वित्तपोषित मौन पालन योजना संचालित की जा रही है। कुछ महीने पहले डीएम मयूर दीक्षित ने इस गांव का निरीक्षण किया था। उन्होंने गांव के हर परिवार को मौन पालन से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। ताकि ग्रामीणों को क्षेत्र में ही रोजगार के अवसर मिल सकें।

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यहां के कुछ ग्रामीण पिछले कई सालों से मौन पालन से जुड़े हुए हैं। शूरवीर सिंह भंडारी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं। वो साल 1972 से मौन पालन का कार्य कर रहे हैं। शूरवीर सिंह की हार्दिक इच्छा है कि मानपुर को हनी गांव के तौर पर प्रसिद्धि मिले। इस गांव को राज्य स्तर पर सर्वाधिक शहद की आपूर्ति करने वाले गांव के तौर पर पहचाना जाए। शूरवीर सिंह कहते हैं कि अगर गांव का हर परिवार मौन पालन से जुड़ेगा तो वो निश्चित तौर पर खेती और प्रकृति से भी जुड़ेगा। आजीविका के स्रोत विकसित होंगे, तो गांव के युवाओं को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। मानपुर को हनी गांव के तौर पर पहचान दिलाने में यहां के ग्रामीणों के साथ ही जिला प्रशासन का भी अहम योगदान है। जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को शहद की खेती के लिए प्रेरित करने के साथ ही उत्पादित शहद को बाजार मुहैया कराने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।