उत्तराखंड रुद्रप्रयागArtists of Garhwali Chakravyuh honored

उत्तराखंड: 1995 में हुआ था पहला गढ़वाली चक्रव्यूह, अब सम्मानित हुए कलाकार..भावुक हुए लोग

बदलते दौर में लोग भले ही पारंपरिक विधाओं का महत्व भूलते जा रहे हैं, लेकिन कुछ संस्थाएं हैं जो आज भी इन्हें संजीवनी देने के प्रयास में जुटी हैं। केदारघाटी मंडाण सांस्कृतिक ग्रुप ऐसी ही संस्था है।

Sanjay sharma Darmora: Artists of Garhwali Chakravyuh honored
Image: Artists of Garhwali Chakravyuh honored (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की संस्कृति, बोली-भाषाएं और लोक विधाएं हमारी धरोहर हैं। ये हमारी संस्कृति और परंपराएं ही हैं, जो हमें हमारे अस्तित्व का अहसास कराती हैं, हमें ये बताती हैं कि हम देवभूमि उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हैं। बदलते वक्त के साथ लोग भले ही पारंपरिक विधाओं का महत्व भूलते जा रहे हैं, लेकिन कुछ संस्थाएं हैं जो आज भी इन्हें संजीवनी देने के प्रयास में जुटी हैं। केदारघाटी मंडाण सांस्कृतिक ग्रुप ऐसी ही संस्था है। संस्था के माध्यम से देशभर में गढ़वाली नाटक ‘चक्रव्यूह’ का मंचन किया जा चुका है। इस तरह संस्था के माध्यम से न सिर्फ पारंपरिक लोक विधाओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि गढ़वाली बोली-भाषा के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। हाल में रुद्रप्रयाग में हुए एक कार्यक्रम में गढ़वाली नाटक ‘चक्रव्यूह’ का मंचन करने वाले 50 कलाकारों को सम्मानित किया गया। केदारघाटी मंडाण सांस्कृतिक ग्रुप और राज्य समीक्षा द्वारा क्यूंजा घाटी में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य कृष्णानंद नौटियाल द्वारा रचित व निर्देशित पहले गढ़वाली नाटक ‘चक्रव्यूह’ का मंचन किया गया। चक्रव्यूह नाटक का आयोजन सबसे पहले साल 1995 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन में शहीद क्रांतिकारियों की याद में किया गया था। क्यूंजा घाटी में हुए कार्यक्रम में चक्रव्यूह नाटक में प्रतिभाग करने वाले 50 कलाकारों को सम्मानित किया गया। उनका उत्साह बढ़ाया गया। इस मौके पर 22 प्रतिभाशाली छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट और वरिष्ठ समाजसेवी संजय शर्मा दरमोड़ा मौजूद रहे। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि धर्म और पहाड़ के रीति-रिवाजों को जीवंत रखने के लिए हमें कृष्ण और अर्जुन के पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की भी जानकारी दी।

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समाजसेवी संजय शर्मा दरमोड़ा ने बताया कि हंस फाउंडेशन की माता मंगला के सहयोग से जिले को 80 लाख की एंबुलेंस और डेढ़ करोड़ के मेडिकल उपकरण दिए गए, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बन सके। लॉकडाउन में 6200 परिवारों को राशन भी दिया गया। कार्यक्रम में गढ़वाली चक्रव्यूह के निर्माता कृष्णानंद नौटियाल ने कहा कि पहाड़ की सशक्त महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। जल्द ही कंडारा गांव में महिला चक्रव्यूह का मंचन किया जाएगा। जिसमें महिलाएं मुख्य भूमिका में होंगी। कार्यक्रम में मंडाण ग्रुप ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में अध्यक्ष कमलेश चंद्र गैरोला, मिथिलेश नौटियाल, विक्रम सिंह राणा, डॉ. प्रताप सिंह सजवाण, राकेश चंद्र गैरोला, सुरेंद्र प्रसाद गैरोला, संजय चौहान, प्रधान ज्योति देवी समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।