उत्तराखंड अल्मोड़ाAlmora forest fire

पहाड़ से दुखद खबर..जंगल की भीषण आग गौशाला तक पहुंची..चपेट में आई गांव की महिला

अल्मोड़ा के जंगलों में लगी भीषण आग गांव तक पहुंच गई और गौशाला में भैंस को आग से बचाने गई गांव की एक महिला उस भीषण आग की चपेट में आ गई।

Almora news: Almora forest fire
Image: Almora forest fire (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के पहाड़ों पर जंगलों में लगी आग एक ऐसा विषय है जिसकी तरफ शासन और प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। उत्तराखंड के कई जंगल वर्तमान में भीषण आग में झुलस रहे हैं मगर इस ओर कोई सख्त कदम उठाता हुआ नजर नहीं आ रहा है। सवाल कई उठते हैं मगर इनके जवाब नहीं मिलते हैं। आखिर जंगलों में लगने वाली इस आग से पहाड़ों को कब छुटकारा मिलेगा। जंगलों को अपने फायदे के लिए आग के हवाले करने वाले लोगों के खिलाफ कब कार्यवाही होगी। सैकड़ों पेड़ जंगलों की आग में जल रहे हैं जो कि चिंताजनक है। इसी बीच अल्मोड़ा के भिकियासैंण में गंभीर हादसा हो गया। अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग गांव तक पहुंच गई और गौशाला में मौजूद एक महिला उस आग में बुरी तरह झुलस गई। महिला भैंस को आग से बचाने की जद्दोजहद में खुद आग की चपेट में आ गई। झुलसी हुई हालत में महिला को सीएचसी भिकियासैंण लाया गया है जहां पर महिला की हालत गंभीर बताए जाने के बाद उनको प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जंगल में लगी आग घरों तक पहुंचने के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई है। यह दुर्घटना एक इशारा है कि अगर जंगलों की आग को रोका नहीं गया तो वह गांव तक पहुंचकर हाहाकार मचा सकती है। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं।

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दरअसल अल्मोड़ा के भिकियासैंण ब्लॉक के स्योंतरा जंगल में हाल ही में चारों और आग लग गई थी और जंगलों की आग तेजी से फैलती रही और यह आग फैलते फैलते महरूबाखली के गांव तक जा पहुंची। आग की तेज लपटों को गांव की तरफ आता देख ग्रामीण भी बेहद डर गए और वे आग बुझाने की कोशिश में जुट गए। इसी बीच गौशाला में भी आग की लपटें पहुंच गईं और गौशाला में बंधी भैंस को आग से बचाने के लिए गई 33 वर्ष निवासी मोहनी देवी आग में गंभीर तरह से झुलस गईं। मोहनी देवी की चीख-पुकार सुनकर उनके परिजन गौशाला पहुंचे और बहुत ही मुश्किल से आग की लपटों से महिला को बचाया। झुलसी हुई महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां पर उनको प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। हादसे के बाद से ही ग्रामीणों के बीच में रोष साफ दिखाई दे रहा है। उनका कहना है कि जंगलों की आग एक बहुत ही गंभीर विषय है मगर इस ओर प्रशासन कोई भी सख्त कदम उठाता हुआ नहीं दिख रहा है।