उत्तराखंड हरिद्वारNarayan Nanda Giri Haridwar Kumbh

हरिद्वार कुंभ: ये हैंं दुनिया के सबसे छोटी हाइट के नागा साधु..18 इंच लंबाई, वजन सिर्फ 18 किलो

मिलिए 18 इंच हाइट वाले और महज 18 किलो वजन वाले दुनिया के सबसे छोटे नागा साधु नारायण नंद गिरी से जो कि इन दिनों हरिद्वार के कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

Narayan Nand Giri: Narayan Nanda Giri Haridwar Kumbh
Image: Narayan Nanda Giri Haridwar Kumbh (Source: Social Media)

हरिद्वार: हरिद्वार में इन दिनों कुंभ मेले की वजह से माहौल भक्तिमय बन रखा है और कुंभ मेले में नागा साधु आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लोग उनको दूर-दूर से देखने आ रहे हैं। जी हां, कुंभ मेले में कई अनोखे नागा साधु देखने को मिल रहे हैं जिनको देखकर हर कोई अचंभित हो जाता है। महाकुंभ मेले में बड़ी संख्या में साधु संत आस्था के संगम में शामिल हो रखे हैं और लगभग सभी अपनी अनूठी साधना से और अपनी कद-काठी से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं और आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही नागा साधु से परिचय करवाने वाले हैं जो दुनिया के सबसे छोटे नागा साधु हैं और उनका वजन मात्र 18 किलो है। उनकी लंबाई भी मात्र 18 इंच है। चौंकिए मत क्योंकि यह बिल्कुल सच है। हरिद्वार में नागा बाबा नारायण नंद स्वामी के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं और जो भी उनको देखता है वह हैरान रह जाता है। वे दुनिया के सबसे छोटे नागा साधु हैं उनकी हाइट महज 18 इंच और उनका वजन भी केवल 18 किलो है। वे सारा दिन भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं और नारायण नंद ने हरिद्वार के श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के पास बिरला घाट पुल के किनारे अपना डेरा जमाया हुआ है और वहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। आपको बता दें कि वे ठीक से सुन नहीं पाते हैं मगर उनकी भक्ति में कोई भी कमी नहीं देखने को मिलती है। वे सारा दिन भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं। कोई भी इस राह से गुजरता है तो वह नारायण नंद गिरी महाराज के दर्शन करने के लिए जरूर रुकता है।

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उनकी उम्र 55 वर्ष है और वे मध्य प्रदेश के झांसी के रहने वाले हैं। संन्यास की दीक्षा लेने से पहले उनका नाम सत्यनारायण पाठक का लेकिन सन्यास की दीक्षा लेने के बाद उनको सब नारायण नंद गिरी महाराज के नाम से जानने लगे। वे 2010 के हरिद्वार महाकुंभ में जूना अखाड़े में शामिल हुए थे और उन्होंने वहीं नागा सन्यासी की दीक्षा भी ली थी। कम हाइट और कम वजन होने की वजह से उनको चलने-फिरने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाबा नारायण नंद के साथ हमेशा उनका एक शिष्य उमेश मौजूद रहता है जो उनको एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने से लेकर उनको उठाने बिठाने तक का सभी काम करता है। उमेश का कहना है कि नारायण नंद गिरी महाराज जहां भी जाते हैं लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। वे हर समय महाकाल की भक्ति में लीन रहते हैं और पूजा-पाठ करते रहते हैं। वे हरिद्वार के श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के पास बिरला घाट पुल के किनारे बैठे हुए हैं और उस जगह पर हर समय उनके दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।