उत्तराखंड रुद्रप्रयागVideo of poor waste management in Chopta goes viral

रुद्रप्रयाग में कुछ नौजवान ऐसे भी हैं, जिन्हें आपकी फिक्र है..मां ‘प्रकृति’ की फिक्र है

वेस्ट मैनेजमेंट की कमी के चलते रुद्रप्रयाग के चोपता क्षेत्र में होटलों द्वारा पहाड़ों पर कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है जिससे चोपता में कूड़े का ढेर लग गया है।

Chopta News: Video of poor waste management in Chopta goes viral
Image: Video of poor waste management in Chopta goes viral (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: आखिर कौन होगा जो उत्तराखंड के पहाड़ों पर जाना पसंद नहीं करेगा। मगर क्या सच में इन पहाड़ों की असलियत वही है जो दिख रही है? क्या पहाड़ों के साथ हमारा बर्ताव सहनीय है? क्या हम उनकी व्यथा को समझ पा रहे हैं? इसका जवाब खुद पहाड़ों की हालत बयां करती है। हम लगातार प्रकृति का विनाश कर रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक और सोचनीय विषय है कि हम कितनी तीव्रता से प्रकृति का विनाश कर रहे हैं। उत्तराखंड के पहाड़ों की हालत सबको पता है। हम पहाड़ पर आने वाले टूरिस्ट्स को ब्लेम करते हैं। हम कहते हैं कि वो साफ-सफाई नहीं रखते और यहां-वहां कूड़ा फेंकते रहते हैं मगर क्या ये सच है? उत्तराखंड के पहाड़ों को नष्ट और बर्बाद करने में काफी हद तक उन लोगों का भी योगदान है जो वहां बसे हुए हैं। जी हां, यह सत्य है कि बाहर से आए लोगों के द्वारा फैलाए कचरे से भी अधिक कूड़ा-कचरा हम लोग स्वयं करते हैं और हमारी लापरवाही और खराब वेस्ट मैनेजमेंट के चलते ऐसा हो रहा है। आगे पढ़िए

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इसी जरूरी मुद्दे को उठाया है उत्तराखंड के पांडवाज़ ने। गीतों के साथ-साथ ही यह टीम अपने आसपास की साफ-सफाई सफाई के बारे में भी लोगों को जागरूक करती रहती है। पांडवाज़ म्यूजिक प्रोडक्शन समय-समय पर पहाड़ों पर फैली हुई गंदगी के बारे में सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाते रहते हैं। उन्होंने कई बार सफाई अभियान भी चलाया है। हाल ही में पांडवाज़ ने सोशल मीडिया पर रुद्रप्रयाग के मशहूर पर्यटक स्थल चोपता का एक ऐसा रूप दिखाया है जिसको देखकर सभी लोग चौंक गए हैं और उन्होंने एक गंभीर मुद्दा भी उठाया है जिसको अब तक नजरअंदाज किया जा रहा था। वीडियो में चोपता का क्षेत्र दिखाया गया है जहां से तुंगनाथ के लिए ट्रैकिंग शुरू होती है। वहां पर पर्यटकों के रुकने के लिए अलग-अलग होटल बनाए गए हैं। वैसे तो होटलों के अंदर डस्टबिन की पूरी सुविधा है और बाहर से आने वाले सभी पर्यटक डस्टबिन के अंदर ही कूड़ा डालते हैं। मगर बात केवल यहां पर खत्म नहीं हो जाती। उसके बाद उस कूड़े का क्या होता है इस बारे में किसी ने नहीं सोचा। जी हां, टूरिस्ट तो अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं और कूड़ा कूड़ेदान के अंदर भी जा रहा है फिर उसके बाद उस कूड़े का क्या हाल होता है यह आप साफ तौर पर वीडियो पर देख सकते हैं। आगे देखिए वीडियो

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सभी होटलों के मालिकों द्वारा यह कूड़ा पहाड़ों पर फेंक दिया जाता है और वेस्ट मैनेजमेंट की कमी के चलते चोपता क्षेत्र में कूड़े का एक सड़ा हुआ ढेर लगा हुआ है जो कि वहां के पूरे नजारे को खराब कर रहा है और हमारे पहाड़ों को दूषित कर रहा है। वेस्ट मैनेजमेंट जैसे गंभीर मुद्दे को उठाना बेहद जरूरी है और पांडवाज़ ने इस जरूरी मुद्दे को उठाकर एक सराहनीय काम किया है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मौके पर सफाई अभियान चलाया गया। इससे ठीक पहले चोपता के नजदीक मक्कूमठ बैंड का भी नजारा पांडवाज़ ने दिखाया था। वहां भी खराब वेस्ट मैनेजमेंट के चलते कूड़ा सड़क किनारे फेंका जा रहा था। आखिरकार रपांडवाज के उस वीडियो के बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने भी संज्ञान लिया। डस्टबिन से कूड़ा सीधा पहाड़ों पर फेंक दिया जाता है और वहां पर कूड़े का ढेर बनता ही जा रहा है जो कि बेहद चिंताजनक है और केवल चोपता ही नहीं बल्कि और कई जगहों पर वेस्ट मैनेजमेंट में कमी के चलते पहाड़ों पर प्रदूषण फैल रहा है और पहाड़ों पर कूड़ा-कचरा होने से नजारा भी खराब हो रहा है।