उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालHarvesting of medicinal plants in Pauri Garhwal

पौड़ी गढ़वाल से हुआ शुभारंभ..अब अपने खेतों में लगाइए औषधीय पौधे, कीजिए शानदार कमाई

पहले चरण में 2 ब्लॉकों में इसकी शुरुआत की जा चुकी है और आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में इसकी बागवानी की जाएगी।

Pauri Garhwal News: Harvesting of medicinal plants in Pauri Garhwal
Image: Harvesting of medicinal plants in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई की पहल पर अब जनपद पौड़ी में औषधीय पौधों की बागवानी की शुरुआत की जा रही है। पहले चरण में 2 ब्लॉकों में इसकी शुरुआत की जा चुकी है और आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में इसकी बागवानी की जाएगी। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए बागवानी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, पहाड़ों में कृषि और बागवानी के दौरान जंगली जानवर भी खेती को खराब करते हैं लेकिन इन औषधीय पौधों को ना ही बन्दर खाना पसदं करते है और ना ही जंगली सुंवर इसे नुकसान पहुंचाते हैं जिससे पहाड़ के कृषकों के लिए इसकी खेती करना काफी फायदेमंद रहेगा। जनपद पौड़ी में औषधीय पौधों के उत्पादन की जो योजना जिला प्रसाशन की ओर से शुरू की गयी है, यह महिलाओं की आर्थिकी बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी। जिला प्रशासन ने पौड़ी के दो ब्लॉकों एकेश्वर ब्लॉक के गजेरा गांव में दो हेक्टेयर भूमि व खिर्सू ब्लॉक के ग्रामपंचायत बुदेशु में 5 हेक्टेयर भूमि पर रोजमैरी व डेंडेलियन की बागवानी शुरू कर दी है। आगे पढ़िए

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यह पहला मौका है जब औषधीय उत्पाद को बढ़ावा देने की दिशा में बागवानी का यह कार्य शुरू किया गया है जो कि दर्शकों को काफी मुनाफा पहुंचाएगा। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई ने बताया कि पौड़ी जनपद में सगंघ एवं औषधीय पौधों के उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए रोजमैरी, डेंडेलियन की बागवानी की कार्ययोजना तैयार की गई है, यहां औषधीय उत्पादों के लिए से मौसम काफी अनुकूल है, पौड़ी के दो ब्लॉक एकेश्वर और खिर्सू में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के माध्यम से रोजमैरी व डेंडेलियन के करीब सत्तर हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। मनरेगा व राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत युगपतिकरण से स्वीकृत योजना में गजेरा गांव में उत्पादन की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए अब अन्य क्षेत्रों में इसकी बागवानी शुरू की जायेगी साथ ही बताया कि औषधियों की बाजार मांग भी काफी है जिसको देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस मुहिम को पहली बार शुरू किया गया है जो कि आने वाले समय मे काफी बेहतर परिणाम देगी।