देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के समय अफसरशाही पूरे सिस्टम पर हावी रही। बेलगाम अफसर मंत्रियों और विधायकों तक की नहीं सुनते थे। अब तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री हैं, और पदभार संभालने के साथ ही उन्होंने अफसरशाही के पेंच कसने भी शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने जनहित में एक और पहल की है। जिलों के डीएम और सीडीओ समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को राज्य के दूरदराज के गांवों में जाकर रात्रि चौपाल लगाने को कहा गया है। अधिकारी रात्रि चौपाल में जाएंगे और ग्रामीणों की समस्याएं सुनेंगे। जो भी समस्याएं सामने आएंगी, उन्हें एक महीने के भीतर हल करना होगा। सीएम ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता की समस्याओं को दिन-रात एक कर हल करना होगा। जनता की सेवा और उनकी समस्याओं का समाधान करना अधिकारियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अधिकारी रात्रि चौपाल के माध्यम से जनता के बीच जाएं और उनकी समस्याएं सुनें, ताकि जनता को अपने कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। जन समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल करें। सीएम ने रात्रि चौपाल के दौरान ये निर्देश दिए। उन्होंने पौड़ी जिले के दुगड्डा में धोबीघाट प्राथमिक स्कूल में आयोजित रात्रि चौपाल में शामिल हुए ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख रुचि कैंतुरा ने दुगड्डा में मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या को उठाया। मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते के भीतर समस्या के निराकरण के निर्देश दिए। रात्रि चौपाल में स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह ने अपनी समस्याएं बताईं। महिलाओं ने बताया कि उन्हें सब्जी उत्पादन और उसकी बिक्री में परेशानी हो रही है। जिस पर मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और महिला चिकित्सक की कमी दूर करने के भी आदेश दिए हैं।