उत्तराखंड देहरादूनLieutenant colonel bribe case

देहरादून: रिश्वतखोर लेफ्टिनेंट कर्नल को 10 साल की कैद..55 हजार का जुर्माना

एक ठेकेदार से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए लेफ्टिनेंट कर्नल भरत जोशी को कोर्ट ने दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपी पर जुर्माना भी लगाया गया है।

Lieutenant colonel bribe: Lieutenant colonel bribe case
Image: Lieutenant colonel bribe case (Source: Social Media)

देहरादून: लालच बुरी बला है, ऊपर की कमाई के चक्कर में लालची लोग अपना ओहदा भी गंवाते हैं और इज्जत भी। देहरादून में सेवाएं देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल भरत जोशी के साथ भी यही हुआ। एक ठेकेदार से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए लेफ्टिनेंट कर्नल भरत जोशी को देहरादून सीबीआई विशेष जज सुजाता सिंह की कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में आरोपी का साथ देने वाले सहयोगी इंजीनियर को भी पांच साल की सजा हुई है। लेफ्टिनेंट कर्नल भरत जोशी इस वक्त हैदराबाद में सेवाएं दे रहे हैं। चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं। घटना साल 2016 की है। उस वक्त लेफ्टिनेंट कर्नल जोशी एमईएस (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज) में गैरीसन इंजीनियर के पद पर तैनात थे। आरोप है कि उन्होंने एक ठेकेदार से बिल पास करने के एवज में रिश्वत मांगी थी।

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जानकारी के मुताबिक ठेकेदार हरेंद्र को आईआरडीई में निर्माण कार्य करने का ठेका मिला था। जिसके एवज में उसे 16 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था। कई कोशिशों के बाद भी भुगतान नहीं हो पा रहा था। तब भुगतान के लिए हरेंद्र ने पौड़ी गढ़वाल के पोखरा के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल भरत जोशी से संपर्क किया। लेफ्टिनेंट कर्नल ने ठेकेदार से भुगतान के एवज में 38 हजार रुपये मांगे। ठेकेदार ने 10 हजार रुपये पहले और बाकी पांच दिन बाद देने को कहा। इस बीच ठेकेदार ने सीबीआई से मामले की शिकायत की। 4 जुलाई 2016 को सीबीआई की टीम ने रायपुर में भरत जोशी को रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मामले में असिस्टेंट गैरीसन इंजीनियर मनीष कुमार भी दोषी पाए गए। उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। सोमवार को कोर्ट ने भरत जोशी को 10 साल और मनीष कुमार को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया है।